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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान लेने की साजिश के पुलिस के दावे के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी नेताओं ने फिक्र जताई है. कांग्रेस ने पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि ये पता लगाया जाए कि गिरफ्तार लोग माओवादी हैं भी या नहीं. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
लेकिन कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने साजिश वाले एंगल पर ही सवाल उठा दिया है. निरुपम ने कहा मैं ये नहीं कह रहा हूं कि ये पूरी तरह गलत है लेकिन ये पीएम मोदी का पुराना तरीका है, जब वो सीएम थे, जब भी लोकप्रियता गिरने लगती थी, ऐसे ही हत्या की साजिश का प्लॉट प्लांट कर दिया जाता था. ऐसे में इस बात की जांच होनी चाहिए कि ये कितना सही है.
आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तो कहा पीएम मोदी को कथित माओवादी धमकी मनगढंत कहानी है ताकि सहानुभूति हासिल की जा सके. तिवारी ने आरोप लगाया कि पीएम की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से नीचे जा रहा है इसलिए हत्या की साजिश की कहानी बनाई गई है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान का जिक्र करते हुए सरकार से पूछा कि पहले सरकार ये बताए कि सच कौन बोल रहा है. अठावले ने कहा था कि गिरफ्तार किए गए लोग दलित कार्यकर्ता हैं. जबकि बीजेपी उन्हें माओवादी बता रही है. सुरजेवाला ने पूछा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार गिरफ्तार लोगों को ‘माओवादी' बता रही है. सवाल ये है कि झूठ कौन बोल रहा है?
बीजेपी ने कांग्रेस और आरजेडी की इस थ्योरी की कड़ी आलोचना की है. गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के मुताबिक, मैं हैरान हूं. इससे ज्यादा दुष्टता क्या होगी? कांग्रेस ने सार्वजनिक जीवन और राजनीति में शिष्टाचार को निम्न स्तर पर ला खड़ा किया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री पर खतरा है और इसे बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए. जो लोग देश को मजबूत नहीं देखना चाहते वो बैचेन हो रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि मोदी की अगुवाई में भारत और ताकतवर होगा.
वहीं केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों से बाहर के इलाकों में माओवादी गतिविधियों के विस्तार को ‘‘खतरनाक प्रवृति'' बताया और केंद्र में एनडीए सरकार के खिलाफ इनका इस्तेमाल करने को लेकर ‘‘कुछ राजनीतिक दलों की आलोचना की. जेटली ने अपने ब्लाग में कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से कुछ राजनीतिक दल एनडीए विरोध के लिए इन सबको एक हथियार के रूप में देखते हैं. आतंकवाद और चरमपंथ के इतिहास से जुड़ा एक बुनियादी तथ्य हमें बताता है कि कभी भी बाघ की सवारी नहीं करो, आप पहला शिकार हो सकते हैं.''
जेटली ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों से बाहर के इलाकों में माओवादी गतिविधियों का विस्तार देखा गया है. ये एक खतरनाक प्रवृति है और सभी राजनीतिक दलों को इसे समझना चाहिए . उन्होंने कहा कि माओवादी हिंसा के माध्यम से केवल सरकार ही नहीं बल्कि संवैधानिक प्रणाली को उखाड़ फेंकने में विश्वास करते है.
राजनाथ सिंह ने दावा किया कि माओवादी अब हारने वाली लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने यकीन दिलाया कि नक्सली हिंसा जल्द ही खत्म हो जायेगी क्योंकि देश में उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों की संख्या 135 जिलों से घटकर 90 हो गई है लेकिन वे इनमें से केवल 10 में ही अधिक सक्रिय हैं. योगगुरु रामदेव ने कहा प्रधानमंत्री देश की धरोहर हैं. ये देश का सौभाग्य है कि ऐसे लोग राजनीति में हैं. मैं ये जानकार बेहद दुखी हूं कि राजीव गांधी की हत्या जैसी साजिश की जा रही है. सरकार को मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए.
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