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'मुल्ला', 'भड़वा', 'कटवा', 'आतंकवादी'...इन शब्दों को मत भूलिए, जिन्हें इस्तेमाल करके लोकसभा के फर्श पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद रमेश बिधूड़ी ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सासंद दानिश अली (Danish Ali) को अपमानित किया. साथ ही साथ मुसलमानों को, सभी भारतीयों को और संसद को भी अपमानित किया.
राजनाथ सिंह ने खेद जताया है, बीजेपी ने शो-कॉज नोटिस भेजा है, ये भी काफी नहीं है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी दी है, सॉरी...ये भी काफी नहीं है.
इससे पहले सांसदों को सिर्फ नारेबाजी के लिए सस्पेंड किया गया. क्या ये उससे बदतर नहीं? यही नहीं, सांसदों को संसद से निष्कासित यानी एक्सपेल भी किया जा सकता है.
ये जो इंडिया है ना...यहां अगर पीएम मोदी सच में मानते हैं कि नई पार्लियामेंट बिल्डिंग 'लोकतंत्र का मंदिर' है, तो निष्कासन ही वो एक तरीका है. नफरत और कट्टरता के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाने का. अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह भारत की समावेशी लोकतंत्र की छवि चकनाचूर कर देगी.
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