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कोरोना संकट का हाहाकार अभी धीमा ही पड़ा था कि अब ब्लैक फंगस नाम का नया घातक रोग प्रकोप बढ़ाता जा रहा है. राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर दिया है. देश के टॉप डॉक्टर भी कह रहे हैं कि ये घातक होने के साथ-साथ तेजी से फैल रहा है. राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस का प्रकोप दिखने लगा है. सबसे ज्यादा केस नागपुर में आए हैं.
राजस्थान में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए गहलोत सरकार ने इस रोग को महामारी घोषित कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सिर्फ राजस्थान में ही ब्लैक फंगस के 100 केस आ चुके हैं. राज्य सरकार ने इसके इलाज के लिए अलग से वार्ड भी बनाया है.
दिल्ली में भी इस बीमारी के कई केस आए हैं. मैक्स हॉस्पिटल में ब्लैक फंगस के 25 केस, सर गंगाराम में 40 केस रिपोर्ट किए गए हैं. मूलचंद हॉस्पिटल में ब्लैक फंगस की वजह से एक शख्स की जान जाने की भी जानकारी है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किंग्स जॉर्ज कॉलेज में ब्लैक फंगस के 50 केस हैं. पिछले 24 घंटों ही 9 नए मामले सामने आए हैं.
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में नेजल एंडोस्कोपी अभियान चलाने का फैसला किया है. ताकि ज्यादा से ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले डिटेक्ट हो सकें.
महाराष्ट्र के नागपुर में ब्लैक फंगस के करीब 300 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं अब तक 7 मरीज इसी वजह से जान गंवा चुके हैं.
उत्तराखंड में अब तक दो लोगों की ब्लैक फंगस की वजह से जान जाने की खबर है.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि अब तक राज्य में ब्लैक फंगस के 115 मामले आ चुके हैं.
ब्लैक फंगस इंफेक्शन से सबसे बड़ा डर ये है कि ये तेजी फैलता है और लोगों के आंखों की रोशनी चली जाती है या कुछ अंग काम करना बंद कर देते हैं. लेकिन यह 'ब्लैक फंगल इनफेक्शन' या Mucormycosis रहस्यमई नहीं है. यह केवल बहुत दुर्लभ था.
US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन(CDS) के अनुसार Mucormycosis एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है जो के Moulds के एक ग्रुप, जिसे micromycetes कहते हैं, के कारण होता है.
उनके अनुसार "यह जानलेवा इंफेक्शन है, जिसमें मृत्यु दर काफी ऊंची है".
इससे पहले FIT से बात करते हुए दिल्ली में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. सुमित रे ने समझाया था कि Mucor से संक्रमित लोगों में मृत्यु दर लगभग 50 से 70% तक होती है.
डॉ. सुमित के अनुसार "अगर एक हद से ज्यादा संक्रमण फैल गया तो मरीज को बचा पाना असंभव होता है."
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