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उन्नाव रेप मामले के गवाह यूनुस का शव शनिवार रात कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया. उसकी मौत कुछ दिन पहले कथित रूप से बीमारी के कारण हुई थी. परिवार वाले कब्र से शव निकाले जाने का विरोध कर रहे थे. इस घटना के बाद इलाके में किसी भी तनाव से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
उन्नाव के एडीएम बीएन यादव ने बताया कि युनूस का शव कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है. कब्र से शव निकालने का काम मुस्लिम धर्म गुरू काजी साहब की देख-रेख में किया गया. इससे पहले दिन में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यूनुस के परिजनों से मुलाकात की थी और उनसे पोस्टमार्टम के लिये शव निकालने की अनुमति मांगी थी.
गौतमपल्ली पुलिस थाना के प्रभारी विजय पांडे ने बताया कि यूनुस के परिवार वाले शनिवार को मुख्यमंत्री से मिलने आये थे. लेकिन उन्हें हजरतगंज कोतवाली ले आया गया ताकि उनकी समस्यायें जानकर उसे जिला प्रशासन को अवगत कराया जा सके.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर उसकी मौत को ‘रहस्यमयी' और शव को जल्दबाजी में दफनाए जाने की बात कही थी. साथ ही इसे साजिश बताया था. हालांकि परिवार का कहना है कि यूनुस की मौत लीवर संबंधी बीमारी के चलते हुई थी.
यूनुस के भाई जान मोहम्मद ने कहा था, ''प्रशासन हम पर दबाव बना रहा है. हम नहीं चाहते कि कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम कराया जाये क्योंकि यह शरीयत के खिलाफ है.'' लेकिन इसके बावजूद शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
पीड़िता के चाचा ने बुधवार को पुलिस से शव का पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की थी. गवाह के भाइयों ने दावा किया था कि पीड़िता के चाचा ने कहा था कि अगर वह पोस्टमार्टम के लिए राजी हो जाएंगे तो उन्हें 10-12 लाख रुपये मिलेंगे.
(इनपुटः भाषा)
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