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एक ट्विटर यूजर ने 3 मई को ‘Bois Locker Room’ नाम के एक इंस्टाग्राम चैट ग्रुप के बारे में ट्वीट किया. इस ट्वीट में यूजर ने बताया कि इंस्टाग्राम ग्रुप में सैंकड़ों साउथ दिल्ली के लड़के हैं, जो कथित रूप से अवयस्क लड़कियों के फोटो शेयर करते हैं. यूजर ने कहा कि ग्रुप में लड़कियों को ऑब्जेक्टिफाई किया जाता है और 'गैंगरेप' का प्लान किया जाता है.
साउथ दिल्ली की एक लड़की ने ट्विटर पर चैट ग्रुप का स्क्रीनशॉट शेयर किया और लिखा, "17-18 साल के साउथ दिल्ली के लड़कों के इस इंस्टाग्राम ग्रुप में उनकी ही उम्र की लड़कियों की तस्वीरें शेयर की जाती हैं. मेरे स्कूल के दो लड़के इसका हिस्सा हैं. मैं और मेरे दोस्त डर गए हैं और मेरी मां चाहती हैं कि मैं इंस्टाग्राम छोड़ दूं."
ट्विटर पर शेयर किए गए स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि लड़कों ने रेप को लेकर भी कई कमेंट किए हैं. जैसे कि - 'हम उसका आसानी से रेप कर सकते हैं' और 'जहां तुम कहोगे, मैं आ जाऊंगा. हम उसका गैंगरेप करेंगे'.
उत्तर प्रदेश की पुलिस ने क्विंट को बताया कि वो माता-पिता के औपचारिक शिकायत करने का इंतजार कर रहे हैं. इसलिए अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है.
दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है. सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर एक केस दर्ज किया गया है.
स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद ग्रुप के सदस्यों ने कथित रूप से अपना यूजरनेम बदल लिया है. इस बीच एक और इंस्टाग्राम पेज ‘Bois Locker Room 2.0’ भी बनाया गया.
दिसंबर 2019 में मुंबई के एक टॉप रैंक स्कूल ने 13-14 साल के 8 लड़कों को सस्पेंड किया था. इन लड़कों ने एक WhatsApp ग्रुप पर अपनी कई फीमेल क्लासमेट के बारे में हिंसाजनक और यौन टिप्पणियां की थीं.
मुंबई मिरर की खबर के मुताबिक, 100 पेजों से ऊपर की चैट में पता चलता है कि लड़के बॉडी शेमिंग कर रहे थे और 'रेप', 'गैंग बैंग' जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया था.
‘Bois Locker Room’ चैट को साफ तौर से सेक्सुअल हैरासमेंट बताते हुए कई ट्विटर यूजर ने इन लड़कों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि व्यवहार उस विषाक्त मर्दानगी से पैदा होता है, जो 'लड़के, लड़के ही रहेंगे' जैसे फ्रेज में छुपी होती है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले में दिल्ली पुलिस और इंस्टाग्राम को नोटिस जारी किया है. मालीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि ये हरकत एक घिनौनी,अपराधी और बलात्कारी मानसिकता का प्रमाण है.
महिला कांग्रेस ने इस पूरे मामले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है, क्योंकि ये केस दिल्ली का है. महिला कांग्रेस ने भी इसे सेक्सुअल हैरासमेंट बताया और कहा कि लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम बढ़ गए हैं.
कांग्रेस ने कहा कि गृह मंत्रालय सो रहा है.
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