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हिंदी क्विंट और गूगल मना रहे हैं भारतीय भाषाओं की बढ़ती ताकत का जश्न
इस इंटरनेट क्रांति में अंग्रेजी का जलवा तो खूब रहा, लेकिन वक्त शुरू हो रहा है. हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं का क्योंकि देश की दो-तिहाई आबादी के लिए तो यही बातचीत का पुल है. लोग भारतीय भाषाओं में नेट पर सर्फिंग कर रहे हैं. इस इंटरनेट क्रांति में भारतीय भाषाओं के लिए मौके ही मौके हैं, लेकिन कैसे? इनका इनका इस्तेमाल कैसे करना है?
ये सब जानने के लिए जरूरी है कि हिंदी क्विंट के फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब चैनल और क्विंट में बने रहने का क्योंकि ज्ञान बढ़ाने के तरीका यहीं से मिलेगा.
हिंदी क्विंट ने कम वक्त पर लोगों के मन में भरोसा जमा लिया है. जो आपको क्विंट नेटवर्क के साथ मिलता है. क्विंट नेटवर्क यानी द क्विंट, क्विंट हिंदी, क्विंट फिट, क्विंट नियॉन और ब्लूमबर्ग क्विंट.
क्विंट हिंदी और गूगल के इस खास कार्यक्रम में इंटरनेट पूरे दिन इस बात पर चर्चा हो रही है कि कैसे इंटरनेट पर तेजी से बढ़ती भारतीय भाषाओं को बाजार से जोड़कर उन्हें फायदे का सौदा बनाया जा सकता है.
इस मौके पर जुबानों की इस ऑनलाइन दुनिया को बदलने वाले तमाम लोग एक छत के नीचे इकट्ठा हुए हैं. चर्चा होगी इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के भविष्य की, सम्मान होगा उनका, जिन्होंने हमारी अपनी भाषाओं को बढ़ावा देने का काम किया है और सामना होगा चुनौतियों का.
टेक, मीडिया, पॉलिसी और कॉरपोरेट जगत से जुड़े देश के सबसे शानदार दिमाग, भारतीय भाषाओं के इंटरनेट रिवॉल्यूशन की तैयारी के लिए एक मंच पर आपको दिखाई देंगे. एक नजर हमारे गेस्ट पैनल पर...
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं. सितंबर 2017 में उन्हें जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई.
राजन आनंदन भारत और दक्षिण-पूर्वी एशिया में गूगल के वाइस प्रेसिडेंट हैं. ग्लोब के इस हिस्से में गूगल की सेल्स और ऑपरेशंस की जिम्मेदारी राजन आनंदन के कंधों पर है. दक्षिण-पूर्वी एशिया इंटरनेट के इस्तेमाल के लिहाज से दुनियाभर में सबसे तेजी से विकसित हो रहा इलाका है. गूगल के वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर राजन इंटरनेट को उपभोक्ताओं और बिजनेस के लिए सरल बनाने और इनोवेशन को बढ़ावा देने के काम में लगे हुए हैं. ‘इंटरनेट इकोसिस्टम’ का दायरा बढ़ाना उनका लक्ष्य है.
राघव बहल देश के जाने-माने एंटरप्रेन्योर और इंवेस्टर हैं, जिनके नाम कई बेमिसाल कामयाबियां दर्ज हैं. भारत के लीडिंग मीडिया ग्रुप Network 18 को खड़ा करने के अलावा उन्होंने moneycontrol.com, bookmyshow.com, firstpost.com और yatra.com जैसे कई वेंचर्स की नींव डाली. राघव फिलहाल नए दौर के डिजिटल मीडिया बिजनेस को खड़ा करने में जुटे हुए हैं.
अनंत गोयनका के कार्यकाल में भारत के इस प्रतिष्ठित अखबार समूह ने इंटरनेट की दुनिया में बड़ी छलांग लगाई है. हिंदी न्यूज पोर्टल की जबरदस्त सफलता के बाद इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप मलयालम और तमिल जैसी दूसरी भारतीय भाषाओं की ओर रुख कर चुका है.
2007 में वीरेंद्र गुप्ता ने एक मोबाइव वैल्यू एडेड सर्विस कंपनी ‘वर्स इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड’ के तौर पर अपने कारोबार की शुरुआत की. 2015 में उन्होंने अपनी कंपनी को क्लासिफाइड एड कंपनी से न्यूज एग्रीगेटर में तब्दील कर दिया. आज डेली हंट पर आप 14 भाषाओं में 650 से ज्यादा पब्लिशर्स को पढ़ सकते हैं.
अरविंद पाणि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पर स्थानीय भाषाओं के बीच दूरी को कम करने और भाषाई बराबरी का मकसद हासिल करने में लगे हुए हैं. बेंगलुरू की उनकी सॉफ्टवेयर कंपनी सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसी भी भाषा में टेक्स्ट कम्युनिकेशन को संभव बनाती है.
इन सभी धुरंधरों के अलावा अजय प्रकाश साहनी, जयवीर नागी, रितु कपूर, चेतन कृष्णस्वामी, अंकुश सचदेवा, सौरभ गुप्ता और सोनम कालरा जैसी शख्सियतें को सुनना भी बेहद उपयोगी और जानकारी भरा होगा.
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