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टेलिविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) घोटाले में आरोपी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को जमानत मिल गई है. करीब ढ़ाई महीने से जेल में बंद पार्थो दासगुप्ता को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को 24 दिसंबर की देर शाम गिरफ्तार किया था.
मुंबई पुलिस ने जनवरी के महीने में एक चार्जशीट दायर की थी, जिसमें रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता समेत कई अन्य लोगों का नाम शामिल था.
बता दें कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की कथित WhatsApp चैट्स के स्क्रीनशॉट लीक को लेकर भी काफी हंगामा हुआ था. WhatsApp चैट्स पुलिस की चार्जशीट का हिस्सा है. इन कथित चैट्स से की बातों से ऐसा लग रहा था कि BARC के पूर्व CEO रिपब्लिक को फायदा पहुंचाने की बात कर रहे हैं और अर्णब सरकार में अपनी पहुंच से BARC को फायदा पहुंचाने की बात कर रहे हैं.
पुलिस ने चार्जशीट में रिपब्लिक टीवी की COO प्रिय मुखर्जी को भी आरोपी बताया है. पुलिस ने दावा किया है कि BARC के पूर्व COO रोमिल रामगढ़िया ने रिपब्लिक टीवी के लॉन्च के करीब 40 हफ्तों के करीब उसके राइवल चैनलों की TRP रेटिंग से छेड़छाड़ की थी, जिससे रिपब्लिक की TRP बढ़ जाए.
वहीं मुंबई पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि पार्थो दासगुप्ता को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने टीआरपी के साथ छेड़छाड़ करने के बदले 12 हजार डॉलर दिए थे.
हालांकि दासगुप्ता के वकील इन बातों से साफ इनकार कर दिया था. फिलहाल पार्थो दासगुप्ता तलोजा जेल में बंद है. वह जून 2013 से नवंबर 2019 के बीच BARC के सीईओ थे.
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