advertisement
भारत में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. रोजाना बढ़ते मामलों को देखते हुए कई देशों ने भारत आने-जाने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. वहीं, अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत नहीं आने की सलाह दी है. अमेरिका ने कहा है कि पूरी वैक्सीन ले चुके लोगों को भी संक्रमण का खतरा है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद भारतीय फ्लाइट्स पर रोक लगाने वाला न्यूजीलैंड पहला देश था. न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा आर्डर्न ने 8 अप्रैल को भारतीयों के प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की थी. इस रोक के तहत, 11 से 28 अप्रैल तक, न्यूजीलैंड में भारतीयों को एंट्री नहीं दी जाएगी, इसमें न्यूजीलैंड के अपने नागरिक भी शामिल हैं. ये फैसला न्यूजीलैंड में कुछ कोरोना केसों के मिलने के बाद लिया गया था.
हॉन्गकॉन्ग ने भी भारत समेत कई देशों से आने वाली फ्लाइट्स को बैन कर दिया है. हॉन्गकॉन्ग ने भारत, पाकिस्तान और फिलिपींस को 'कोविड के हाई रिस्क' में बताते हुए इन देशों की फ्लाइट्स को रोक दिया है.
अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत आने को लेकर चेतावनी दी है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन ले चुके लोग भी संक्रमण के खतरे में हैं.
CDC के मुताबिक, "कोविड के बढ़ते मामलों के बीच, यात्रियों को भारत में ट्रैवल करने से बचना चाहिए, पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके यात्री भी संक्रमण के खतरे में हैं और उन्हें ट्रैवल से बचना चाहिए. अगर आप भारत में ट्रैवल करना चाहते हैं, तो पहले पूरे वैक्सीनेट हों."
ब्रिटेन ने भारत को रेड ट्रैवल लिस्ट में डाल दिया है. ब्रिटिश सरकार के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति पिछले 10 दिनों में उसकी ट्रैवल ‘रेड लिस्ट’ वाले देश में रहा है, तो उसे ब्रिटेन में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी, बशर्तें वो ब्रिटिश या आइरिश नागरिक न हो.
ब्रिटेन की ट्रैवल 'रेड लिस्ट' में भारत के अलावा बांग्लादेश, केन्या, पाकिस्तान और फिलीपींस जैसे देश भी शामिल हैं.
इससे पहले ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपने भारत दौरे को रद्द कर दिया था. ये फैसला भारत में कोविड की स्थिति को देखते हुए आपसी सहमति से लिया गया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)