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भारत ने 25 जुलाई को सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) और पाकिस्तान रेंजर्स (Pakistan Rangers) के बीच सेक्टर कमांड लेवल की बैठक के दौरान जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी अथॉरिटी द्वारा संचालित ड्रोन गतिविधियों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि यह मीटिंग सुचेतगढ़ इलाके के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान रेंजर्स के अनुरोध पर बुलाई गई थी. फैसला लिया गया कि जब भी जरूरत पड़े फील्ड कमांडरों के बीच तत्काल बातचीत को फिर से शुरू किया जाए ताकि परिचालन संबंधित मामलों को सुलझाया जा सके.
उन्होंने कहा कि दोनों सीमा बलों के कमांडरों ने विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें बीएसएफ ने अपनी तरफ से पाकिस्तानी ड्रोन गतिविधियों ,आतंकवादी गतिविधियों, सीमा पार सुरंगों की खुदाई और सीमा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर खासा जोर दिया.
27 जून को हुआ जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमला पहली बार था जब भारत के किसी एयर फोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमले की कोशिश हुई थी. हालांकि एयरफोर्स के मुताबिक विस्फोट हल्का था ,जिसमें 2 जवान जख्मी हुए थे.
यहां तक कि 23 जुलाई को भी जम्मू के निकट कानाचक में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 5 किलो वजनी इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) ले जा रहे एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था.बीएसएफ के मुताबिक 2019 से अब तक पाकिस्तान से लगे भारतीय क्षेत्रों में 325 से अधिक ड्रोन देखे गए हैं.
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