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बुलंदशहर हिंसा में मारे गए युवक के परिवार ने मृतक का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. मृतक के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजा, माता-पिता को पेंशन और मृतक के भाई को पुलिस में नौकरी दिए जाने की मांग की है.
परिवार का कहना है कि जब तक सरकार मांगों को पूरा करने का आश्वासन नहीं देती, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
परिवार का कहना है कि सरकार जब तक मांगों पर लिखित में आश्वासन नहीं देती, तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
मृतक सुमित कुमार के पिता अमरजीत ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के समान ही अपने बेटे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किए जाने की भी मांग की है. सुमित (20) का शव कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे चिंगरावठी स्थित उसके घर पर लाया गया. इस दौरान बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह और स्थानीय विधायक देवेन्द्र लोधी भी मौके पर मौजूद थे.
पुलिस ने बताया कि हिंसा में गोली लगने से घायल हुए सुमित को मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मृतक सुमित के भाई विनीत ने पुलिस पर पोस्टमार्टम में देरी कराने का आरोप लगाया है. विनीत ने बताया कि पोस्टमार्टम में देरी के कारण शव को घर लाने में देरी हुई. उन्होंने कहा-
बता दें, कथित रूप से गोकशी की खबर से गुस्साई भीड़ ने पथराव करते हुए पुलिस के कई वाहनों और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी थी. मामले की सूचना मिलने के बाद कई थानों के पुलिस कर्मियों और आला अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंच स्थिति को काबू में किया था.
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