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दिल्ली की एक अदालत ने 'बुली बाई' ऐप के आरोपी निर्माता नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने कहा है कि एक विशेष समुदाय की विभिन्न महिला पत्रकारों को एक सार्वजनिक मंच पर गाली देने और अपमानित करने के लिए आरोपी व्यक्ति द्वारा टारगेट किया गया. जो निश्चित रूप से सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अपराध की प्रकृति, आरोपों की गंभीरता और जांच के शुरुआती चरण को देखते हुए मुझे आवेदन में कोई योग्यता नहीं मिलती है और उसी के अनुसार याचिका को खारिज किया जाता है.
अदालत ने कहा कि यह काम निश्चित रूप से उस समाज के सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है, जहां प्राचीन काल से महिलाओं को देवी माना जाता रहा है और उनका अपमान करने का कोई भी प्रयास निश्चित रूप से बड़े पैमाने पर समुदाय से जोरदार प्रतिरोध को आमंत्रित करने वाला है.
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