Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सुल्ली डील 2.0: 'बुल्ली बाई' ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल

सुल्ली डील 2.0: 'बुल्ली बाई' ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल

दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले का संज्ञान लिया गया है और संबंधित अधिकारी कार्रवाई करेंगे

मैत्रेयी रमेश
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>सुल्ली डील 2.0: 'बुल्ली बाई' ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल</p></div>
i

सुल्ली डील 2.0: 'बुल्ली बाई' ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

advertisement

सुल्ली डील विवाद (Sulli Deals) के बाद मुस्लिम महिलाओं को एक बार फिर निशाना बनाया जा रहा है. शनिवार, 1 जनवरी को सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें एक अज्ञात ग्रुप द्वारा GitHub का उपयोग करके 'बुल्ली बाई' (Bulli Bai) नाम के एक ऐप पर अपलोड की गईं.

इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली पुलिस ने शनिवार को ट्विटर पर कहा कि उन्होंने मामले का संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

इस मामले की डिटेल्स साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम जांच के लिए महाराष्ट्र राज्य की नोडल एजेंसी, महाराष्ट्र साइबर टीम के साथ भी शेयर किया गया है.

मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने की यह हरकत 'सुल्ली डील्स' विवाद के लगभग छह महीने बाद सामने आई है. विशेष रूप से सुल्ली डील्स मामले में अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में दो FIR किया गया था.

जबकि 'सुल्ली' या 'सुल्ला' मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है, सबसे अधिक संभावना है कि 'बुल्ली' उसी का एक बदला हुआ रूप है.

'बुल्ली बाई' ऐप क्या है?

GitHub एक होस्टिंग प्लेटफॉर्म है, जिसमें ओपन सोर्स कोड का भंडार है. 'सुल्ली डील्स' की तरह 'बुल्ली बाई' ऐप भी GitHub पर बनाया और इस्तेमाल किया गया है.

एक महिला ने, जिसकी तस्वीर इसपर डाली गई है, द क्विंट को बताया कि " यह ऐप ठीक उसी तरह काम करता है जैसे सुल्ली डील करता है. एक बार जब आप इसे खोलते हैं, तो आप रैंडम्ली एक मुस्लिम महिला का चेहरा ढूंढते हैं और इसे 'बुल्ली बाई' के रूप में डिस्प्ले करते हैं." मेरी कोशिश की गई है, मैंने ऐसे अपना नया साल शुरू करने की कल्पना नहीं की थी"

ऐप के स्क्रीनशॉट तीन हैंडल से शेयर किए गए - @/Bullibai_ @/sage0x11 @/wannabesigmaf

इस ऐप को GitHub से हटाया गया है या नहीं, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है. प्लेटफार्म ने अपनी तरफ से स्पष्टीकरण का बयान भी जारी नहीं किया है.

'भय और घृणा'

द वायर की पत्रकार इस्मत आरा, जिनका नाम भी इस ऐप में है, ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को वर्ष की शुरुआत "डर और घृणा की भावना" से करनी पड़ी है.

AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित कई हैंडल ने घटना की निंदा की तथा अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मुस्लिम महिलाओं का सवाल- 'कब होगी कार्रवाई'

सुल्ली डील ऐप पर लेखक नबिया खान की तस्वीरों का दुरुपयोग किया गया था. उन्होंने 'बुल्ली बाई' के खिलाफ दिल्ली पुलिस के कार्यवाही के आश्वासन वाले ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि "मैं अभी भी इसका इंतजार कर रहा हूं. पांच महीने पहले ही हो चुके हैं."

"सब झूठ है दिल्ली पुलिस. सुल्ली डील में आपने मुझे मेरी गरिमा के उल्लंघन और मेरे खिलाफ किए गए अपराधों के खिलाफ दिनांक 12/07/21 को मेरी शिकायत दर्ज FIR की एक कॉपी मुहैया नहीं की है. मैं अभी भी इसका इंतजार कर रही हूं. 5 महीने पहले ही हो चुके हैं. इस बार आप क्या कार्रवाई करेंगे?

रेडियो जॉकी सईमा, जिनको इसमें निशाना बनाया गया है, ने इसे घिनौनी लिस्ट बताया और कहा कि यह भारत की टूटी हुई न्याय प्रणाली पर प्रतिबिंब है.

"आपत्तिजनक बुल्ली डील्स में सुल्ली डील्स की तरह मेरे सहित कई मुस्लिम नाम हैं, यहां तक ​​कि नजीब की मां को भी नहीं बख्शा गया है. यह भारत की टूटी-फूटी न्याय व्यवस्था, एक जर्जर कानून-व्यवस्था व्यवस्था का प्रतिबिंब है. क्या हम महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बनते जा रहे हैं?

पूर्व पत्रकार हिबा बेग ने ट्वीट किया कि "मैंने खुद को सेंसर कर लिया है, मैं अब शायद ही यहां बोलती हूं, लेकिन फिर भी, मुझे ऑनलाइन बेचा जा रहा है, मेरा "डील" किया जा रहा है"...""हमें कार्रवाई देखने में कितने ऑनलाइन डील लगेंगे?"

'सुल्ली डील' मामले में अब तक क्या कार्यवाही हुई?

दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 'सुल्ली डील' विवाद में दो अलग-अलग FIR दर्ज करने के पांच महीने बाद, गिरफ्तारी या जांच में कोई प्रगति नहीं होने के कारण मामला ठप पड़ गया है.

केंद्र से 'कड़ी कार्रवाई' करने की मांग करने वाली कुछ राजनेताओं में से एक शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी , ने द क्विंट को बताया कि

"सच कहूं तो कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें राजनीति से ऊपर उठना चाहिए. इससे भी ज्यादा जब आप महिला और बाल विकास मंत्रालय का नेतृत्व करने का संवैधानिक पद संभालते हैं. महिलाओं के अधिकारों के लिए बोलना मंत्री का कर्तव्य है, चाहे वे किसी भी धर्म से संबंधित हों"

प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे पूछा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ट्विटर और फेसबुक जैसे अन्य प्लेटफार्मों को बुला सकता है, तो GitHub के लिए ऐसा क्यों नहीं किया जाता है.

द क्विंट ने सितंबर 2021 में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस, दोनों से संपर्क किया था, लेकिन अभी तक मामले की स्थिति पर हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Jan 2022,09:40 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT