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नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन का दौर जारी है. दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, पश्चिम में गुजरात और महाराष्ट्र तो दक्षिण में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल तक कई इलाकों से प्रदर्शन के हिंसक होने और तोड़फोड़ की खबरें आती रही हैं. हालात को देखते हुए अलग-अलग राज्यों के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई हैं, इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और भारी तादाद में सुरक्षा बलों को मुस्तैद कर दिया गया है ताकि कानून और व्यवस्था को बहाल किया जा सके. पिछले दो हफ्तों से प्रदर्शन का यह दौर जारी है. अब इसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है. कैसे ये 10 बड़ी बातें जानिए-
CAA-NRC के खिलाफ लगातार हिंसक प्रदर्शन और धारा 144 लागू होने से जरूरी सामानों की आवाजाही और कारोबार पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. गौर करने की बात यह है कि इन प्रदर्शनों में ज्यादातर बड़े शहर ही प्रभावित हुए हैं. जिसमें दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे शहर शामिल हैं. प्रदर्शन के दौरान और उसके बाद इन इलाकों में यातायात प्रभावित हुई और सुरक्षा के मद्देनजर यहां पहुंचने और यहां से देश के दूसरे इलाकों तक होने वाले खाद्य सामग्री और उपयोगी चीजों के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है. जैसे-जैसे यह उग्र प्रदर्शन छोटे इलाकों में फैलते गए, उन हिस्सों में भी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो गए.
कई दिनों से जारी इस विरोध प्रदर्शन से बैंकिंग सेक्टर को बड़ा झटका लगा है. हिंसा प्रभावित इलाको में पैसों के लेनदेन और बैंकिंग सर्विस लगभग ठप हो गई हैं. हालात को देखते हुए कई बैंकों ने अपनी शाखाएं फिलहाल बंद कर दी है. क्योंकि इन इलाकों में कैश पहुंचाना मुश्किल हो गया है. लिहाजा कारोबारियों को व्यापार चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.विरोध प्रदर्शन से सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश को हुआ है. लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, बहराइच, आगरा, फिरोजाबाद और आगरा जैसे इलाकों में हालात ठीक के बाद भी कारोबार के पटरी पर लौटने में लंबा वक्त लगेगा, नुकसान की भरपाई में कई हफ्ते लग सकते हैं.
हिंसा के बाद अफवाहों पर रोकथाम के लिए ज्यादातर इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद है जिससे ऑनलाइन कारोबार बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. डिजिटल बैंकिंग ऑपरेशन, ओटीपी से जुड़ी सर्विस, KYC वेरिफिकेशन, UPI और आधार पर निर्धारित पेमेंट (AEPS) पूरी तरह ठप हो गई है.
गौर करने की बात यह है कि छोटे इलाकों में भी किराना की दुकानों, मेडिकल स्टोर जैसी जगहों पर AEPS यानी आधार पेमेंट सिस्टम से होता है. उत्तर प्रदेश में इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद काफी ज्यादा है. सरकारी डेटाबेस डिजीधन के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में हर यूजर महीने में कम से कम 6 बार UPI का इस्तेमाल करता है. लगातार इंटरनेट सेवाएं बंद रहने से UPI के जरिए होने वाली मोबाइल बैंकिंग पर बुरा असर पड़ा है.
हिंसा के बाद कई जिलों में इंटरनेट बंद किए जाने और धारा 144 लगाने का असर एटीएम ऑपरेशन पर भी दिखा. कैश के अभाव में कई इलाकों में एटीएम बंद पड़े हैं. हालां, ज्यादातर एटीएम पर VSAT पर काम करता है. आपको बता दें कि 30 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक अकेले उत्तर प्रदेश में 21,098 एटीएम मौजूद हैं, और हर एटीएम में औसतन एक महीने में 1.36 करोड़ रुपए भरे जाते हैं.
एक आंकड़े के मुताबिक, भारत ने पिछले 5 सालों में इंटरनेट बंद किए जाने से करीब 21,000 करोड़ रुपये का घाटा झेला है, जो कि 2.45 करोड़ रुपये प्रति घंटे का नुकसान है. इसके बाद सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या अशांति के माहौल में इंटरनेट सेवाएं बंद करना समस्या का हल है? क्या इससे होने वाले आर्थिक नुकसान को नजरअंदाज किया जा सकता है?
माहौल बिगड़ने की हालत में इंटरनेट बंद किए जाने से सिर्फ टेलीकॉम सेक्टर का नुकसान नहीं होता. इसका असर ऐप-बेस्ड इकनॉमी जैसे कैब ऑपरेटर्स, फूड डिलिवरी वगैरह पर भी पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के जामिया में हिंसा के बाद इंटरनेट बंद किए जाने से ओखला और इसके आसपास के इलाकों में फूड डिलीवरी ऑर्डर पूरी तरह खत्म हो गई. जिसका नुकसान ऐप पर आधारित रेस्टोरेंट को झेलना पड़ा. इसके अलावा ग्रोफर्स जैसे ऑनलाइन ग्रोसर के बिजनेस में भी भारी कमी आई.
देशभर में प्रदर्शन के बीच क्रिसमस और नए साल के जश्न पर भी खासा असर देखने को मिला है. होटल इंडस्ट्री पर बहुत बुरा असर पड़ा है. अमेरिका, इंग्लैंड और रूस जैसे कई देशों ने अपने नागरिकों को एडवाजरी जारी कर भारत में प्रदर्शन वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है. नतीजा यह हुआ कि सैलानियों के लिए पीक सीजन माने जाने वाले वक्त में उनकी तादाद बेहद कम हुई है. टूरिस्ट डेस्टिनेश में बुकिंग कैंसल हो रही हैं. जिसका टूरिज्म सेक्टर और इससे जुड़े दूसरे कारोबारों पर भी बुरा असर पड़ा है.
दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे मेट्रो शहर में क्रिसमस से लेकर नए साल तक की छुट्टियों में लोग बड़ी तादाद में डाइनआउट करने निकलते हैं. लेकिन इस बार पहले से ही टैक्स की मार झेल रही डाइनआउट इंडस्ट्री को CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन से बड़ा झटका लगा है. प्रदर्शन के हिंसक हो जाने और बिगड़े माहौल को देखते हुए लोग घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं. जिससे इस इंडस्ट्री की कमाई में भी भारी कमी आई है.
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