Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019CAA-NRC के विरोध के दौरान 25 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?

CAA-NRC के विरोध के दौरान 25 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?

कुछ सवाल बस जलने, सरकारी संपत्ति के नुकसान होने से कहीं ज्यादा अहम है, ये लोगों की जिंदगी के सवाल हैं..!

शादाब मोइज़ी
भारत
Updated:
गृह मंत्री जी, क्या पुलिस के पास सिर्फ गोली चलाने का रास्ता ही बचा है?
i
गृह मंत्री जी, क्या पुलिस के पास सिर्फ गोली चलाने का रास्ता ही बचा है?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम

गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के काम का समर्थन किया है. एक टीवी चैनल पर अमित शाह ने कहा, "जो लोग सवाल पूछ रहे हैं वो जरा एक दिन पुलिस की वर्दी पहनकर खड़े हो जाएं. कोई ये नहीं पूछता कि बस क्यों जलाई गई? गाड़ियां क्यों जलाई गईं? जब लोग हिंसा करेंगे तो पुलिस गोली चलाएगी ही."

सही बात है पुलिस भी तो हम और आप की तरह इंसान है. लेकिन सवाल ये है कि ऐसे हालात क्यों बने या बनने दिए गए? सवाल ये भी है कि क्या पुलिस के पास बस गोली चलाने का रास्ता ही बचा है? चाहे गोली किसी की भी चले लेकिन अगर गांधी के देश में इस बात को बिना झिझक बोला जाए तो लोग पूछेंगे जरूर जनाब ऐसे कैसे? जनाब ऐसे कैसे...

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में देशभर में लोगों ने आवाज उठाई. बूढे़, बच्चे, महिला, स्टूडेंट सड़कों पर आए. पुलिस ने भी उन पर डंडे, आंसू गैसे के गोले, गोलियां सब चलाई. अब तक 500 से ज्यादा FIR, 1500 से ज्यादा लोग गिरफ्तार. करीब 25 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

यूपी के सीएम का ‘बदला’

यूपी के सीएम खुलेआम 'बदला' लेने की बात कर रहे हैं. पुलिस ने भी उनकी बात आदेश समझकर सिर माथे पर रखी. जमकर तोड़फोड़, आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. वो भी हवा में नहीं बल्कि प्रदर्शनकारियों पर. और तो और मेरठ के एसपी साहब मुसलमानों को हिदायत भी दे रहे हैं कि पाकिस्तान चले जाओ. एडीएम साहब जिंदगी काली कर देने की स्कीम के फायदे गिना रहे हैं.

लेकिन फिर भी गृहमंत्री जी आपको लगता है कि विपक्ष देश को गुमराह कर रहा है. चलिए पुलिस सही, सरकार सही, लोगों का मरना भी सही. लेकिन कुछ सवालों के जवाब तो दे दीजिए. ये सवाल बस जलने, सरकारी संपत्ति के नुकसान होने से कहीं ज्यादा अहम है.. ये लोगों की जिंदगी के सवाल हैं..

सवाल ये है कि

  • उत्तर प्रदेश में 19 लोगों की मौत कैसे हो गई?
  • देशभर में 25 लोगों की मौत क्यों और कैसे हुई
  • क्या इस मामले पर सरकार ने कोई जांच कराई? कोई कमेटी बैठी?
  • CAA-NRC का विरोध करने वाली महिलाओं पर, छात्रों पर डंडे किसने और क्यों मारे?
  • प्रदर्शन खत्म होने के बाद लोगों के घरों में पुलिस क्यों गई? मुजफ्फरनगर से लेकर बिजनौर में सैकड़ों गाड़ियों को किसने तोड़ा?
  • जब प्रदर्शन और हिंसा दिन में हुई तो रात को मुहल्ले में घुसकर सीसीटीवी कैमरे किसने और क्यों तोड़े? कौन सा राज छिपाना था?
  • यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में घुसकर हमले किसने किए, आंसू गैस के गोले किसने छोड़े.
  • कितने पुलिस वालों पर कार्रवाई हुई?
  • कितने लोगों की मौत पर सरकार की तरफ से कोई मिलने गया?
  • किसी ने उन्हें मुआवजा दिया?
  • चलिए यही बता दीजिए कि शांति से प्रोटेस्ट कर रहे लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया उसका क्या?
  • वाराणसी में एक 15 महीने की बच्ची को उसके माता-पिता से 11 दिन तक अलग रहना पड़ा, क्योंकि वो प्रोटेस्ट में गए थे?

पुलिस का दर्द समझना अच्छी बात है लेकिन उसी पुलिस सर्विस से जुड़े पूर्व आईपीएस दारापुरी ने कौन सी हिंसा की थी, उन्हें क्यों गिरफ्तार करना पड़ा? फायरिंग करते हुए पुलिस के कई वीडियो सामने आए हैं, मान लीजिए सब गलत हैं, लेकिन जांच तो कराइए..

आखिरी बात अगर प्रदर्शनकारियों के पास इतने हथियार थे तो ये हथियार आए कहां से? पुलिस तब कहां थी जब ये हथियार आ रहे थे?

जनाब ये देश अहिंसा के रास्ते पर चलकर आगे बढ़ा है, जिस गांधी जी का चश्मा स्वच्छ भारत अभियान में इस्तेमाल होता है ना, उन्होंने ही कहा था.. "आंख के बदले आंख सारी दुनिया को अंधा बना देगी." आज गांधी होते तो वो जरूर पूछते कि जनाब ऐसे कैसे?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Jan 2020,07:07 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT