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फटी हुई चप्पलें, खून से सनी और जली हुई कार ने हमारा ठीक उसी जगह स्वागत किया, जहां कुछ घंटे पहले दिल्ली के कई नमाजियों ने सूरज ढलने के पहले नमाज पढ़ी थी.
यह जगह है दिल्ली गेट. जहां प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड लगा दिए गए थे. यह प्रदर्शनकारी जामा मस्जिद पर भीम आर्मी के समर्थन में इकट्ठे हुए थे. यहां इसके प्रमुख चंद्रशेखर आजाद जंतर-मंतर तक जुलूस निकालने के लिए आए थे.
क्विंट की तरफ से आदित्य मेनन, अस्मिता नंदी, ऐश्वर्या एस अय्यर और ऐश्वर गोले ने रात भर वहां रुककर स्थिति का जायजा लिया. पढ़ें ये खास रिपोर्ट-
चंद्रशेखर द्वारा संविधान को भीड़ के बीच लहराने से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन लाठी चार्ज, पत्थरबाजी और पानी की बौछारों के साथ खत्म हुआ. यह सब दरियागंज पुलिस स्टेशन से दो किलोमीटर दूर हुआ.
दरियागंज पुलिस स्टेशन के बाहर वकीलों और एक्टिविस्टों की भीड़ लगी रही, ताकि हिरासत मे लिए गए लोगों को छुड़वाया जा सके.
कुछ देर बाद एसएचओ ने घोषणा की कि एक वकील अंदर जा सकता है और हिरासत में लिए गए लोगों के नाम लिख सकता है. हिरासत में 32 बालिगों और 8 नाबालिगों को लिया गया था. नाबालिगों को मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद छोड़ दिया गया.
उसे उन्होंने गैरकानूनी करार दिया. सुबह तक सभी किशोरों को छोड़ दिया गया. लेकिन 10 लोगों पर आगजनी, दंगा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कर, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. कुछ लोगों ने हमें बताया कि हवालात में उनकी पिटाई भी की गई. LNJP में कई घायलों को भर्ती करवाया गया. वहां घायलों में पुलिस वाले भी शामिल थे.
पुलिस के साथ तनाव और बातचीत के बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सुबह तीन बजे सरेंडर कर दिया. वह शाम से लगातार जामा मस्जिद के पास बैठे हुए थे.
इसके बाद प्रदर्शनकारी अपने साथियों के समर्थन में आईटीओ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर पहुंच गए. प्रदर्शनकारी ''तू जिंदा है'' और ''इंकलाब जिंदाबाद'' जैसे गाने गा रहे थे. इन गानों के ज़रिए वे हिरासत में लिए गए लोगों को अपना समर्थन जता रहे थे.
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