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उत्तर प्रदेश पुलिस ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल 'उपद्रवियों' की तस्वीरें जारी की हैं. उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने अब ऐसे लोगों की पहचान के लिए थानों के बाहर पोस्टर लगाए हैं और लोगों से कहा है कि इन्हें पहचानें.
यूपी पुलिस ने जो पोस्टर जारी किया है, उसमें 40 से ज्यादा लोगों की फोटो है और ऊपर लिखा है- इन्हें पहचानिए और हमें बताइए.
हालांकि, यूपी पुलिस पर ये आरोप लगाया है कि इस तरह से लोगों की फोटो सार्वजनिक करके वो उन्हें समाज में बदनाम करने की कोशिश कर रही है.
उत्तर प्रदेश के सूचना और जनसंपर्क विभाग के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर 498 लोगों की पहचान की गई है. लखनऊ, मेरठ, संभल, रामपुर, फिरोजाबाद, कानपुर और बुलंदशहर में लोगों की रिपोर्ट दी गई है. मेरठ में सबसे ज्यादा, 148 लोगों की पहचान की गई है.
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने हिंसा फैलाने और सोशल मीडिया पर हिंसक पोस्ट करने पर 19 हजार से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्लॉक भी किए हैं. जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है उनमें ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब यूजर्स शामिल हैं.
रामपुर जिला प्रशासन ने हिंसा में बाइक, बैरियर के नुकसान की भरपाई करना शुरू कर दिया है. शासन ने 28 लोगों को इस नुकसान का जिम्मेदार ठहराया है. 24 दिसंबर को प्रशासन ने इन सभी लोगों को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों उनसे 14.86 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई नहीं ली जानी चाहिए. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 21 दिसंबर को प्रदर्शन में हिंसा होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हिंसा का 'बदला' लिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में कुल 19 लोगों की जान गई. इन प्रदर्शनों में 288 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से 61 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए.
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