Home News India ‘IT की ज्यादतियों ने कंगाल किया’, वीजी सिद्धार्थ की पूरी ‘चिट्ठी’
‘IT की ज्यादतियों ने कंगाल किया’, वीजी सिद्धार्थ की पूरी ‘चिट्ठी’
सीसीडी के मालिक वीजी सिद्धार्थ ने अपने कर्मचारियों के नाम लिखी चिट्ठी
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(फोटो:द क्विंट)
सीसीडी के मालिक वीजी सिद्धार्थ ने अपने कर्मचारियों के नाम लिखी चिट्ठी
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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
कैफे कॉफी डे के फाउंडर और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ के लापता होने के बाद एक चिट्ठी सामने आई है. पुलिस ने कंफर्म किया है कि चिट्ठी वीजी सिद्धार्थ ने खुद लिखी है. कैफे कॉफी डे परिवार और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को संबोधित करते हुए इस चिट्ठी में लिखा गया है-
‘पिछले 37 साल की कड़ी मेहनत के दौरान हमने अपनी कंपनियों में 30,000 लोगों को रोजगार दिया. इसके अलावा 20,000 नौकरियां उन टेक्नोलॉजी कंपनियों ने दीं जिनमें मैं बड़ा शेयर होल्डर हूं. लेकिन अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद मैं फायदेमंद बिजनेस खड़ा करने में नाकाम रहा. मैं कहना चाहता हूं कि मैंने इसे अपना सब कुछ दिया. मैं उन तमाम लोगों से माफी मांगता हूं जिन्होंने मुझपर विश्वास किया. मै लंबे समय तक लड़ा लेकिन अब मैं अपने एक प्राइवेट इक्विटी पार्टनर के सामने हिम्मत हार गया हूं. वो मेरे ऊपर उन शेयरों को वापस खरीदने का दबाव बना रहे हैं. ये वो सौदा है जो 6 महीने पहले एक दोस्त से बड़ा कर्जा लेकर मैंने किसी तरह पूरा किया था. कई और कर्जा देने वालों के जबरदस्त दबाव ने मुझे हालात के सामने झुकने के लिए मजबूर कर दिया है. इनकम टैक्स के एक पूर्व डीजी ने भी हमारी ‘माइंड ट्री’ डील को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर अटैच किए. उसके बाद हमारे कॉफी डे शेयर्स को भी अटैच कर दिया गया. जबकि हमने अपना संशोधित बकाया फाइल कर दिया था. ये नाजायज था जिससे हमारे सामने पैसे की बड़ी किल्लत खड़ी हो गई. मैं आप सब लोगों से हिम्मत दिखाने और नई मैनेजमैंट के साथ इन बिजनेस को जारी रखने की गुजारिश करता हूं. मैं तमाम गलतियों की जिम्मेदारी खुद लेता हूं. तमाम कारोबारी सौदे मेरी जिम्मेदारी हैं. मेरी टीम, डिटर्स और सीनियर मैनेजमैंट में किसी को मेरे इस लेन-देन की जानकारी नहीं थी. मैने अपने परिवार समेत सभी से इस जानकारी को छुपाया और कानून के प्रति सिर्फ मैं जवाबदेह हूं. मेरी मंशा किसी से धोखा करने या बरगलाने की नहीं थी. एक एंटरप्रेन्योर के तौर पर मैं नाकाम रहा हूं. ये मेरा विनम्र निवेदन है. मुझे उम्मीद है कि आप एक दिन मुझे समझेंगे और माफ कर देंगे.’
चिट्ठी के आखिर में लिखा गया है, ‘मैं अपनी तमाम संपत्तियों और उनकी संभावित कीमत यहां दे रहा हूं जिनसे हमारी तमाम देनदारियां और तमाम लोगों का बकाया चुकाया जा सकेगा. इस चिट्ठी के आखिर में सिद्धार्थ के साइन हैं और 27 जुलाई की तारीख लिखी गई है.’