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प्याज की महंगाई से देशभर में आम उपभोक्ता परेशान हैं. सड़क से संसद तक प्याज पर महंगाई का मुद्दा जोर पकड़ रहा है. इस बीच प्याज की बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. बिहार के मुजफ्फरपुर में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है, जिस पर 12 दिसंबर को सुनवाई होगी.
बता दें, प्याज की कीमतें लगातार आसमान छूती जा रही है. बिहार के कई जिलों में प्याज की खुदरा कीमत 100 से 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान पर प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर जनता को "गुमराह करने और धोखा देने" का आरोप है. इस मामले में शनिवार को मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में राम विलास पासवान के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई है.
मुजफ्फरपुर शहर के निवासी नैय्यर ने अपनी शिकायत में कहा है कि पासवान उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद प्याज की कीमतों की जांच करने में नाकाम रहे हैं.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि राम विलास पासवान ने अपने बयान के माध्यम से लोगों को गुमराह किया है कि प्याज की कीमत इसके कालाबाजारी के कारण बढ़ गई है.
ये केस भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और 379 (चोरी की सजा) के तहत दर्ज किया गया है.
प्याज के भाव में नरमी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है. आयात के जरिये बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के सरकार के प्रयासों के बावजूद देश के कुछ हिस्सों में प्याज का भाव 160-165 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.
संसद में सरकार ने बताया कि आयातित प्याज की खेप 20 जनवरी तक देश में आना शुरू हो जाएगी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रखे जाने वाले आंकड़ों के अनुसार देश के ज्यादातर शहरों में, प्याज की खुदरा कीमत बाजारों में 100 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा है.
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