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यूपी से बच्चों के यौन शोषण का बड़ा मामला सामने आ रहा है. यूपी सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर को करीब 50 बच्चों के यौन शोषण के आरोप में CBI ने गिरफ्तार किया है. आरोपी इंजीनियर कथित तौर पर बच्चों के यौन शोषण से जुड़े वीडियो और दूसरे कंटेट डार्क नेट पर भी डालता था और उन्हें बेचता था. आरोपी का नाम रामभवन है जिसे बांदा से गिरफ्तार कर अब जेल भेज दिया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये इंजीनियर पिछले 10 साल से ऐसे अपराध करता आया है.आरोपी ने चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर जिलों में इसे अंजाम दिया है.
सीबीआई की 8 सदस्यीय टीम पिछले कई दिनों से रामभवन के पीछे लगी हुई थी. अब एजेंसी ने गिरफ्तारी की जानकारी दी है. कार्रवाई की जानकारी मिलते ही यूपी सिंचाई विभाग ने आरोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि शोषण का शिकार हुए बच्चों की उम्र पांच से 16 साल के बीच की है. ये सभी बच्चे बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर से ही हैं. एजेंसी को ऐसा लगता है कि वो अकेले ये जुर्म नहीं कर रहा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ के दौरान आरोपी ने अधिकारियों को बताया कि वो बच्चों को मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स देता था ताकि वो उसकी हरकतों के बारे में चुप रहें.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने पिछले साल अमेरिका स्थित नॉन-प्रॉफिट संगठन नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन (NCMEC) से टाईअप किया था. NCMEC को नागरिकों, सर्विस प्रोवाइडर और सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेंट के बारे में पता चलता है. इस साल जनवरी तक भारत को चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (CSAM) के मामलों की 25,000 रिपोर्ट्स मिल चुकी थीं.
जनवरी के बाद ऐसे मामले बढ़े हैं. इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड ने पाया कि लॉकडाउन में देश के बड़े शहरों में 'चाइल्ड पोर्न, 'सेक्सी चाइल्ड' और 'टीन सेक्स वीडियो' नाम से इंटरनेट सर्च में बढ़ोतरी हुई थी. ये संगठन कैलाश सत्यार्थी के बेटे भुवन ऋभु ने जनवरी 2020 में बनाया था.
लॉकडाउन लगने के बाद अप्रैल महीने में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया था कि महाराष्ट्र पुलिस ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों में 133 एफआईआर कर्ज की और 46 लोगों को इसमें गिरफ्तार किया. इसके अलावा केरल में भी इसी साल जून महीने में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के केस में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया. केरल पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 140 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त की थीं. इस मामले में केरल पुलिस ने लगातार रेड मारी थीं.
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