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उत्तर प्रदेश के अवैध रेत खनन मामले में सीबीआई के निशाने पर अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक साल 2011 के बाद से यूपी के सभी खनन मंत्रियों से पूछताछ की जा सकती है. साल 2012 से 2013 तक खनन मंत्रालय उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अवैध खनन मामले में अब तक आदिल खान, आईएएस अधिकारी बी चंद्रकाला, माइनिंग ऑफिसर मोइनुद्दीन, एमएलसी रमेश मिश्रा के अलावा माइनिंग क्लर्क आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी, राम अवतार सिंह और उसके रिश्तेदारों समेत संजय दीक्षित आरोपी हैं.
सीबीआई ने अवैध बालू खनन की जांच के संबंध में शुक्रवार को आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया
सीबीआई अधिकारी बताया कि जिन घरों की तलाशी ली गई उसमें लखनऊ के हुसैनगंज इलाके में स्थित सैफायर अपार्टमेंट में चंद्रकला का घर भी शामिल है.
चंद्रकला उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जिला अधिकारी के रूप में सेवा दे चुकी हैं. सोशल मीडिया पर चंद्रकला एक बहुत ही प्रसिद्ध आईएएस अधिकारी हैं. उनके फेसबुक पर पेज पर करीब 86 लाख लाइक हैं, तो ट्विटर पर उन्हें करीब 9 लाख लोग फॉलो करते हैं.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई को अवैध खनन घोटाले की जांच का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सीबीआई को यूपी के 5 जिलों- शामली, हमीरपुर, फतेहपुर, देवरिया और सिद्धार्थ नगर में अवैध रेत खनन के आरोपों की जांच का आदेश दिया.
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