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CBI बोली- हमारे डायरेक्टर आलोक वर्मा हैं, पर दफ्तर में No Entry

सीबीआई कह रही है हमारे डायरेक्टर तो अभी भी आलोक वर्मा ही हैं

अरुण पांडेय
भारत
Published:
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के करीब 18 घंटे बाद सीबीआई ने बड़ा अजीब बयान देकर मामले को जलेबी की तरह घुमा दिया है. सीबीआई कह रही है कि उसके डायरेक्टर तो अभी भी आलोक वर्मा ही हैं, लेकिन वो दफ्तर नहीं आ सकते. उनके पास कोई अधिकार भी नहीं है, इन सबके बावजूद वही डायरेक्टर हैं.

भाई साहब, ये क्या बात हुई? हैं भी और नहीं भी. फिर नागेश्वर राव क्या हुए भला. इस पर सीबीआई का कहना है कि वो टेम्पररी डायरेक्टर का काम देख रहे हैं. सीबीआई की वेबसाइट में अभी भी आलोक वर्मा पूरे दमखम के साथ सीबीआई डायरेक्टर के तौर पर बने हुए हैं.

(फोटो: website)

CBI को सफाई क्यों देनी पड़ी

मतलब समझ आया कि सीबीआई ने डायरेक्टर को लेकर अपनी अजब सी सफाई क्यों दी? दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई है. वर्मा की दलील है कि सरकार के पास उनको हटाने का अधिकार ही नहीं है. जाहिर है ऐसे में सीबीआई की गोलमोल सफाई का मकसद ही यही था कि हमने आलोक वर्मा को हटाया ही नहीं, बल्कि बिन मांगे छुट्टी पर भेजा है.

CBI के उठापटक के किरदार

इस कहानी के दो और किरदार हैं जबरन छुट्टी पर भेजे गए स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर नागेश्वर राव.

वर्मा की तरह अस्थाना भी सिस्टम से बाहर किए गए हैं, लेकिन खबरों के मुताबिक फेरबदल और तबादलों का शिकार वो अधिकारी हुए हैं, जो सीबीआई डायरेक्टर के करीबी हैं. जैसे अस्थाना के खिलाफ मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी बस्सी तो अंडमान भेज दिए गए हैं, जिसे अंग्रेजों के जमाने में 'कालापानी' कहा जाता था.

इस लिहाज से तमाम एनालिसिस में अस्थाना की स्थिति अभी मजबूत ही बताई जा रही है, लेकिन सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के तेवरों पर निर्भर करेगा.

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(फोटो: द क्विंट)

शुक्रवार को SC में CBI की स्क्रिप्ट लिखी जाएगी

CBI दफ्तर में रात 2 बजे अंधेरे में वो सब कुछ क्यों करना पड़ा, जो दिन को भी किया जा सकता था?कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यही सवाल पूछ रहे हैं. उनका आरोप है कि फाइलें हटाने के लिए जान-बूझकर रात का वक्त चुना गया.

खैर, सीबीआई की इस कहानी में ड्रामा है, एक्शन है, इमोशन है और गजब की नाटकीयता भी है, लेकिन इसमें इतने कैरेक्टर हैं कि कुछ सामने आ गए हैं और कई सामने आने बाकी हैं.

इन सबके बीच शुक्रवार को सबसे बड़ा फैसला तो सुप्रीम कोर्ट में ही होगा.

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