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मुख्य चुनाव आयुक्त बोले-जब हारते हो तो EVM को निशाना क्यों बनाना?

CEC सुनील अरोड़ा ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के आरोप ‘‘सही नहीं’’ हैं

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EVM से छेड़छाड़ के आरोप आपराधिक इरादे से लगाए गए: चुनाव आयुक्त
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EVM से छेड़छाड़ के आरोप आपराधिक इरादे से लगाए गए: चुनाव आयुक्त
(फोटो: PTI)

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मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के आरोप ‘‘सही नहीं’’ हैं और ये एक ‘‘आपराधिक इरादे’’ से लगाये जाते हैं. अरोड़ा ने IIM, कोलकाता के सालाना ‘बिजनेस कॉन्क्लेव’ में शनिवार को कहा कि मशीनों में कभी-कभी खराबी आ सकती है, जैसा दूसरे मशीनों में भी होता है लेकिन इससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, ‘‘खराबी, छेड़छाड़ से बहुत अलग है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. अगर आप ऐसा कहते हैं तो आपका कोई आपराधिक इरादा है जो हमें खराब लगता है.’’

अरोड़ा ने कहा कि दो बड़ी सार्वजनिक कंपनियों ने ईवीएम डिजाइन की है. उन्होंने कहा, ‘‘ईवीएम को एक सुरक्षित माहौल में बनाया गया था और प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसरों ने पूरी प्रक्रिया की निगरानी की.’’

जब आप हारते हैं तो मशीन को निशाना क्यों बनाना?

उन्होंने इस ओर इशारा करते हुए कि तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद ही ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाये. उन्होंने कहा, ‘‘ये सही नहीं है. जब आप हारते हैं तो मशीन को निशाना क्यों बनाना?’’

उन्होंने कहा, ‘‘आरोप चुनाव आयोग और वोटिंग मशीन बनाने वालों की ईमानदारी पर सवाल उठाते हैं. ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, हालांकि इसमें खराबी आ सकती है जैसा कि दूसरी मशीनों में दिक्कतें आ जाती हैं.’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू, नेशनल कान्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे सहित कई विपक्षी नेताओं ने बार बार कहा है कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ की जा सकती. इन नेताओं ने मतपत्र से चुनाव कराने की मांग भी की है.

चुनाव कराने में चुनाव आयोग की भूमिका के बारे में अरोड़ा ने कहा, ‘‘चुनाव एक तरफ कानून और संविधान और दूसरी ओर प्रशासन और प्रबंधन से संबंधित है. हर यूनिट का अपना महत्व है.’’ सीईसी ने कहा, ये स्वीकार भी किया कि कुछ विवादास्पद व्यक्ति थे जिन्हें बदलना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ बदलाव करने पड़े, कुछ अधिकारियों को बदलना पड़ा जिसमें पश्विम बंगाल का एक अधिकारी शामिल था.’’

63 साल के IAS अधिकारी ने कहा कि आयोग अब अक्टूबर..नवम्बर में महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है, जबकि झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं.

उन्होंने चुनाव अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘आपको उन सभी की उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए प्रशंसा करनी पड़ेगी. चुनाव अधिकारी आम लोगों के संरक्षक हैं. अगर राज्य सरकार आपको प्रताड़ित करने का प्रयास करे तो वे आपको जरूरत के मुताबित पूरा संरक्षण देंगे.’’

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