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एयर इंडिया का निजीकरण जल्द से जल्द करना चाहती है केंद्र सरकार

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात की जानकारी दी.

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सरकार एयर इंडिया की बिक्री को तय समय के मुताबिक सबसे अच्छा सौदा करके करना चाहती है.
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सरकार एयर इंडिया की बिक्री को तय समय के मुताबिक सबसे अच्छा सौदा करके करना चाहती है.
(फोटो: PTI)

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केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार एयर इंडिया के निजीकरण को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. पुरी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एयर इंडिया की बिक्री के लिए बनाई गई वैकल्पिक तंत्र की पहली बैठक जल्द होगी. पुरी ने कहा कि पहली बैठक के बाद विनिवेश की प्रक्रिया में तेजी आएगी. पुरी ने कहा कि सरकार एयरलाइन की बिक्री को तय समय के मुताबिक सबसे अच्छा सौदा करके करना चाहती है.

पिछले साल AI की सुधार योजना पर शुरू हुआ काम

केंद्र सरकार ने जून में राष्ट्रीय विमान कंपनी एयर इंडिया और उसकी पांच सहायक कंपनियों की निवेश प्रक्रिया दुबारा शुरू करने का फैसला किया था. पिछले साल, सरकार ने एयरलाइन को उबारने की योजना पर काम शुरू किया था, जिसके तहत वित्तीय पैकेज देने और कंपनी के जमीन-जायदाद की बिक्री कर पैसे जुटाने की योजना लागू की गई. इस योजना के अमल से एयरलाइन कि वित्तीय और ऑपरेशन के प्रदर्शन में सुधार हुआ है.

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बता दें कि सरकार ने पहले एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था, लेकिन कोई बोलीदाता सामने नहीं आया था. लिहाजा, सरकार की ये कोशिश नाकाम रही.

भारी कर्ज के बोझ में एयर इंडिया

जुलाई में खबर आई थी कि एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के प्रोमोशन और नये कर्मचारियों की नियुक्ति रोक दी है. सरकार की कर्ज के बोझ से दबी कंपनी के विनिवेश की तैयारी के मद्देनजर एयरलाइन ने यह कदम उठाया.
एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज का बोझ है.

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एयर इंडिया को फिर से ऑपरेशनल प्रॉफिट रिपोर्ट की उम्मीद

एयर इंडिया की ऑपरेशनल स्किल और बेहतर विमान उपयोग में बढ़ोतरी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान अपने नुकसान को कम करने के लिए मदद दी है. एयर इंडिया के चेयरमैन और मेनेजिंग डायरेक्टर अश्वनी लोहानी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान पैसेंजर रेवेन्यू में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
दिल्ली में आयोजित एविएशन इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में गुरुवार को लोहानी ने बताया कि साल-दर-साल (वाईओवाई) के आधार पर ऑपरेशनल प्रॉफिट 18 फीसदी बढ़ा है.

साल दर साल के आधार पर एयर इंडिया के लोड फैक्टर 82 फीसदी तक बढ़ गए हैं. इसके चलते, वाईओवाई के आधार पर एयरलाइन का घाटा 802 करोड़ रुपये से घटकर 170 करोड़ रुपये रह गया है. लोहानी ने कहा, "हम इस साल भी एक अच्छा ऑपरेशनल प्रॉफिट हासिल करने की उम्मीद करते हैं."

(इनपुट: IANS)

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Published: 29 Aug 2019,10:47 PM IST

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