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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा पर कई बार सवाल उठ चुके हैं. उनकी यात्रा को लेकर कई बार आरटीआई आवेदन भी दायर किया गया, लेकिन मंत्रालयों की तरफ से इस पर साफ जवाब नहीं दिया गया.
अब मामला केंद्रीय सूचना आयोग तक पहुंच चुका है. और आयोग ने विदेश मंत्रालय को साल 2013-2017 के बीच प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के दौरान इस्तेमाल हुए एअर इंडिया के चार्टर्ड विमान पर आए खर्च से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है.
मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने विदेश मंत्रालय की इस दलील को खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के लिए भारतीय वायुसेना और एअर इंडिया द्वारा दिये गए बिल की राशि, संदर्भ संख्या और बिल की तारीख से जुड़े विवरण से संबधित दस्तावेज एक स्थान पर संकलित नहीं हैं. साथ ही आवेदक की तरफ से मांगी गयी सूचना को इकट्ठा करने के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों को लगाना पड़ेगा.
लोकेश बत्रा नामक एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार के तहत आवदेन दायर किया था. उन्होंने वित्त वर्ष 2013-14 और 2016-17 के बीच प्रधानमंत्री के विदेश दौरों से संबंधित बिल, चालान और अन्य रिकॉर्ड का खुलासा करने की मांग की थी.
उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि जनता को इस बारे में सूचित किया जाए कि ये बिल और देय राशि अदायगी के लिए किस सार्वजनिक प्राधिकार के पास लंबित हैं. बत्रा ने कहा कि इन रिकार्ड को राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में दबाया नहीं जा सकता.
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