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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 8 सितंबर को सेंट्रल विस्टा (Central Vista) का उद्घाटन करेंगे, इसके बाद 9 सितंबर से ये आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. पूरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट करीब 20 हजार करोड़ की लागत से बन रहा है. सेंट्रल विस्टा में करीब 3.90 लाख वर्ग मीटर का ग्रीन एरिया है. पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण भी करेंगे.
दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर जो रास्ता राष्ट्रपति भवन तक जाता है उस पूरे इलाके को सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाता है. इस इलाके राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक (इन दोनों ब्लॉक्स में विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय है), इंडिया गेट, नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया समेत कई ऑफिस हैं. इन्हें सामूहिक रूप से सेंट्रल विस्टा कहते हैं. इसकी लंबाई लगभग 3.2 किलो मीटर है.
इस इलाके में बने भवनों को 100 साल से अधिक हो चुका है जिसके बाद सरकार ने इन्हें रिडेवलप करने का प्लान 2019 में तैयार किया था. सालों पुराने बने इन भवनों के निर्माण का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया था.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को पूरी तरह से 2026 तक पूरा किया जाएगा. इसके तहत इसी इलाके में प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री निवास, केंद्रीय सचिवालय, संसद समेत कई कार्यालय का निर्माण किया जाएगा. फिलहाल संसद भवन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है वहीं सेंट्रल वि्ता एवेन्यू बन कर तैयार हो चुका है.
106 शौचालयों, 16 स्थायी पुलों और 140 नए पेड़ों के साथ, दिल्ली में रिडेवलप किया गया सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन 8 सितंबर, गुरुवार को होगा. 477 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस एवेन्यू का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. बता दें अब राजपथ का नाम बदलकर 'कार्तव्य पथ' कर दिया गया है.
कर्तव्य पथ के निर्माण में यह ध्यान रखा गया है कि इस पर चलने वाले पैदल यात्रियों को सारी सुविधाएं मिले, पैदल यात्री ही नहीं बल्कि दिव्यांग जनों को भी यहां कोई समस्या न हो. इसे बनाने में लाल पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. इससे पहले यहां बजरी जैसी रेत का इस्तेमाल हुआ था. यहां 64 शौचालय महिलाओं के लिए तो पुरुषों के लिए 32 शौचालय बनवाएं गए हैं.
शौचालय की उत्तम व्यवस्था के अलावा पीने के पानी की सुविधा भी उपल्ब्ध है, इस पथ पर लगीं पुरानी लाइटों को भी बदल दिया गया है. करीबन 900 नए लाइट पोल को लगाया गया है.
रिसाव को रोकने के लिए लगभग 74,900 वर्ग किलोमीटर नहरों का भी नवीनीकरण किया गया है, पार्किंग के लिए भी व्यवस्था की गई है. लगभग 101 एकड़ लॉन का नवीनीकरण भी किया गया है, जहां घास की विभिन्न प्रजातियां हैं.
इस इलाके में कई सारे पेड़ थे, जिनमें से कई जामुन के पेड़ थे लेकिन अब उन्हें हटा कर कहीं और शिफ्ट कर दिया गया है और 140 नए पेड़ लगाए गए हैं.
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