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मोहाली स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (Chandigarh University) में लड़कियों के कथित आपत्तिजनक वीडियो लीक (Punjab Video Leak Row) मामले में विरोध बढ़ता जा रहा है. हजारों स्टूडेंट मामले में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के सामने विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. गर्ल्स हॉस्टल के गेट पर ताला लगने के बावजूद प्रदर्शनकारी लड़कियों ने गेट फांदा और विरोध किया. दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी और पुलिस ने कहा है कि आरोपी लड़की ने केवल अपना वीडियो शेयर किया है, उसके मोबाइल से किसी भी अन्य लड़की का आपत्तिजनक वीडियो नहीं मिला है. हालांकि सामने आये वीडियो में आरोपी छात्रा कथित तौर पर दूसरी लड़कियों का वीडियो भी शेयर करने के आरोप को स्वीकार करती सुनी जा रही है.
आरोपी छात्रा द्वारा कथित तौर पर अन्य कई लड़कियों का नहाते हुए वीडियो बनाकर शेयर करने का मामला शनिवार, 17 सितंबर को सामने आया जिसके बाद छात्र-छात्राओं का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया. हंगामे के बीच कुछ लड़कियां बेहोश हो गईं जिसके बाद अफवाह फैली की लड़कियों ने आत्महत्या का प्रयास किया है. हालांकि मोहाली के SSP विवेक शील सोनी और यूनिवर्सिटी ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि किसी भी स्टूडेंट ने ना ही आत्महत्या की कोशिश की है और न ही किसी की मौत हुई है.
यूनिवर्सिटी कैंपस में पत्रकारों से बात करते हुए पंजाब के एडीजीपी गुरप्रीत देव ने बताया कि तीन से चार छात्राओं ने आरोपी छात्र को कॉमन वॉशरूम में देखा, जहां वह अपने मोबाइल से बाथरूम के दरवाजे के नीचे से फोटो ले रही थी. उन्होंने फिर वार्डन को मामले की सूचना दी और बाद में पुलिस को सूचित किया.
आरोपी छात्रा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में MBA की पढ़ाई करती है. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में आरोपी छात्रा हॉस्टल वार्डन के सामने स्वीकार करती सुनी जा सकती है कि उसने वीडियो बनाए थे और शिमला में मौजूद किसी लड़के के साथ शेयर किया था.
लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो के कथित तौर पर लीक होने के विरोध के घंटों बाद मोहाली के SSP विवेक शील सोनी ने रविवार को कहा कि आरोपी छात्रा ने अपने एक दोस्त के साथ केवल अपने वीडियो को शेयर किया है और उसके मोबाइल से किसी भी और लड़की का वीडियो नहीं मिला है.
इसके अलावा पंजाब के एडीजीपी गुरप्रीत देव ने बताया कि "ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रा ने युवक के साथ सिर्फ अपना एक वीडियो शेयर किया है और किसी दूसरी लड़की का कोई आपत्तिजनक वीडियो नहीं मिला है."
वीडियो लीक मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ आर एस बावा ने एक बयान में कहा कि “ऐसी अफवाहें हैं कि 7 लड़कियों ने आत्महत्या कर ली है जबकि तथ्य यह है कि किसी भी लड़की ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है. घटना में किसी लड़की को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट वेलफेयर के डीन का भी कहना है कि आरोपी छात्रा ने केवल अपने दोस्त को अपने वीडियो भेजने की बात कबूल की थी. उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी ने पुलिस से इस आरोप की जांच करने का भी अनुरोध किया है कि पूरी घटना यूनिवर्सिटी को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया कैंपेन का हिस्सा है.
विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार एक्शन मोड में है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अफवाहों से बचने की अपील की और कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा सहित विपक्षी नेताओं ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने एक बयान में बताया है कि अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक को तुरंत दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और मामले से सख्ती से और बिना किसी ढिलाई के निपटने के लिए लिखा है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि पीड़ित लड़कियों की उचित काउंसिंलिंग की जानी चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
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