पंजाब (Punjab) के मोहाली (Mohali) में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय (Chandigarh University) के छात्रों ने एक लड़की द्वारा अपने हॉस्टल के साथियों के निजी वीडियो कथित रूप से लीक करने के बाद विरोध प्रदर्शन किया. इस केस में पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी लड़की को गिरफ्तार कर लिया है. समाचार एजेंसी के मुताबिक एडीजीपी गुरप्रीत कौर देव ने कहा, शिमला का एक व्यक्ति आरोपी लड़की को जानता है. उसके पकड़े जाने के बाद ज्यादा जानकारी मिल सकेगी.
इस पूरे मामले को देखते हुए क्विंट ने साइबर एक्सपर्ट्स से कुछ सवाल किए और जानने की कोशिश की कि अगर किसी का वीडियो या फोटो सोशल मीडिया पर लीक हो जाता है तो उसे क्या करना चाहिए? लखनऊ में एसपी साइबर क्राइम यूपी पुलिस त्रिवेणी सिंह और साइबर फॉरेंसिक एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने इन सवालों के जवाब दिए.
फोन या ड्राइव से वीडियो लीक ना हो इसके लिए क्या सावधानी रखनी चाहिए?
लखनऊ में एसपी साइबर क्राइम यूपी पुलिस त्रिवेणी सिंह ने कहा, सबसे पहले अपने पासवर्ड को मजबूत करें. अपनी फाइल्स, फोटो या डेटा को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड फॉर्मेट में रखने की कोशिश करें. पासवर्ड की स्ट्रेंथ मजबूत करें, इसके लिए अल्फान्यूमेरिक और स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल करें. सिस्टम और फोन दोनों पर पासवर्ड का इस्तेमाल करें. सभी सोशल मीडिया साइट्स पर Two Factor Authentication का इस्तेमाल करें.
अगर वीडियो लीक हो जाए तो क्या कदम उठाने चाहिए?
IPS त्रिवेणी सिंह कहते हैं, सबसे पहले नदजीकी पुलिस स्टेशन जाइए और अगर साइबर क्राइम थाना है तो वहां जाइए. अगर मामला पैसे की धोखाधड़ी का है तो 1930 पर कॉल कीजिए. अगर किसी भी वजह से थाने में नहीं जा सकते हैं तो cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज कीजिए.
अगर कोई आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड हो गए है तो एब्यूज रिपोर्ट कीजिए और अपने बाकी मित्रों और सहयोगियों को भी ऐसा ही करने के लिए बोलिए. ऐसा करने पर बेहद कम समय में फेसबुक खुद ही ऐसे कंटेंट को प्लेटफार्म से हटा देता है.
क्या लीक हुई चीजों को इंटरनेट से डिलीट करवाने का कोई तरीका है?
IPS त्रिवेणी सिंह कहते हैं कि, "जब आप पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा लेंगे तो पुलिस खुद उसको सभी प्लेटफॉर्म्स से हटाने के लिए प्रयास करेगी. पुलिस लेटर लिखकर खुद सभी प्लेटफॉर्म्स से आपत्तिजनक सामग्री हटवाती है."
साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा कहती हैं कि, "पुलिस से शिकायत करना इसलिए भी बेहद जरुरी है क्योंकि अगर कोई नोडल ऑफिसर इस विषय में सोशल मीडिया साइट्स पर शिकायत दर्ज करता है तो यह साइट्स 48 घंटो के अंदर ऐसा कंटेंट हटाने की कोशिश करते हैं.
पर्सनल डाटा सेव करने के बेहतर ऑप्शन क्या है?
इस सवाल के जवाब में साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा कहती हैं कि, "कोशिश करनी चाहिए अगर कंटेंट ज्यादा पर्सनल है तो उन्हें गूगल ड्राइव पर न जाकर एक्सटर्नल ड्राइव में सेव करें और इस ड्राइव में बिटलॉकर या डिजिलॉकर का इस्तेमाल कर डाटा को प्रोटेक्ट करें. मोबाइल फोन में सेव लाकर जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं."
वह कहती हैं कि, "ड्राइव पर अगर किसी वजह से कुछ कंटेंट सेव करना पड़ गए है तो ईमेल आईडी और पासवर्ड बदलते रहें. लोग लंबे समय तक ड्राइव का पासवर्ड नहीं बदलते है जो सुरक्षा में चूक की वजह बन सकती है."
जब भी महिलाएं चेंजिंग रूम में जाए तो एक बार जांच लें की शीशे या आस पास कहीं 'हिडन कैमरा' तो नहीं लगा है. इसके लिए कई तरह के ऐप्स हैं, जिनका इस्तेमाल कर सकते हैं.
क्या महिलाओं के लिए कुछ और विशेष मदद का प्रावधान है?
इस सवाल के जवाब में साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा कहती हैं कि, "अगर ऐसा कुछ हो गया है तो एविडेंस इकठ्ठा करने पर ध्यान देना चाहिए. अगर ओरिजिनल सोर्स मिल पाए तो बेहतर वरना जिस सोर्स से जानकारी मिली उसे जरूर नोट करना चाहिए. इसे नोट करने के तुरंत बाद नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराई जानी चाहिए. महिला साइबर क्राइम या पुलिस की महिला विंग से भी मदद मांग सकते हैं. किसी वजह से अगर महिला, थाने नहीं जाना चाहती है तो https://cybercrime.gov.in पर जाकर तुरंत शिकायत दर्ज करा दे."
वह कहती हैं कि, "शिकायत में पूरा विवरण दें, आपने कहां यह कंटेंट देखा उसकी पूरी डिटेल दें और इस बारे में एफआईआर भी दर्ज कराएं. ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने पर पुलिस और साइबर सेल के लिए ओरिजिनल सोर्स का पता लगा पाना आसान हो जाता है."
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