Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Chandrayaan-3 और ISRO को बधाई देते हुए राकेश शर्मा, सुनीता विलियम्स ने क्या लिखा?

Chandrayaan-3 और ISRO को बधाई देते हुए राकेश शर्मा, सुनीता विलियम्स ने क्या लिखा?

“मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं, क्योंकि मैं अंदर से जानता था कि ISRO इस बार ऐसा करेगा."- राकेश शर्मा

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Chandrayaan-3: अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा, सुनीता विलियम्स ने चंद्रयान-3 मिशन, इसरो की सराहना की</p></div>
i

Chandrayaan-3: अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा, सुनीता विलियम्स ने चंद्रयान-3 मिशन, इसरो की सराहना की

फोटो- IANS

advertisement

अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा और नासा की भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की सराहना की है, जिससे भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुँचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. इसरो के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में चंद्रयान -3 के साथ गया विक्रम लैंडर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा. चंद्रमा के इस इलाके में इससे पहले कोई मिशन नहीं पहुँचा था.

साथ ही तत्कालीन सोवियत संघ, अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया.

नेशनल जियोग्राफिक पर लैंडिंग के लाइव टेलीकास्ट के दौरान शर्मा ने कहा, “मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं, क्योंकि मैं अंदर से जानता था कि इसरो इस बार ऐसा करेगा. मैं पहले से ही एक गौरवान्वित भारतीय हूं और अब मैं और अधिक गौरवान्वित भारतीय बन गया हूं. मुझे पता था कि इसरो चंद्रयान-2 के सामने आई सभी चुनौतियों का सामना करेगा और इस मिशन को सफल बनाएगा."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मैं थोड़ा जल्दी पैदा हो गया क्योंकि मैं पहले से ही 75 साल का हूं और अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रमों का उल्लेखनीय युग अब शुरू होता है. लेकिन एक भारतीय होने के नाते, मैं हाथ जोड़कर इसरो को इस बड़ी सफलता के लिए बधाई देता हूं."

चार साल पहले 2019 में चंद्रयान-2 मिशन उस समय विफल हो गया था जब इसका लैंडर 'विक्रम' लैंडिंग के प्रयास में टचडाउन से कुछ मिनट पहले चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. भारत ने चंद्रमा पर पहला मिशन 2008 में भेजा था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
विलियम्स ने कहा, “चंद्रमा पर शानदार लैंडिंग के लिए बधाई. मैं इस लैंडिंग और रोवर द्वारा नमूने लेने के बाद सामने आने वाले वैज्ञानिक अनुसंधान को देखने के लिए बहुत उत्सुक हूं. यह चंद्रमा पर स्थायी जीवन जीने में सक्षम होने की दिशा में एक और बड़ा कदम होगा. बहुत बधाई!"

मून लैंडर और रोवर 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा हैं.

चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है.

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के पूर्व कमांडर क्रिस हैडफ़ील्ड ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को "ऐतिहासिक और आश्चर्यजनक घटना" कहा.

हैडफील्ड ने कहा, “इसरो न केवल चंद्रमा तक पहुंचने के लिए एक प्रोब भेजने में सक्षम था, बल्कि सतह पर उतरने और विशेष रूप से दक्षिणी ध्रुव की ओर चंद्रमा के सबसे दिलचस्प हिस्सों की जांच और अन्वेषण शुरू करने में सक्षम था. यह इतिहास के लिए महत्वपूर्ण है, न केवल जैविक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी दुनिया के लिए.

“यह हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और भारत इसमें सबसे आगे है। यह एक बहुत ही रोमांचक और गौरवपूर्ण दिन है और मैं भारत में हर किसी के लिए वास्तव में खुश हूं कि वे चंद्रयान -3 के कारण चंद्रमा को अलग तरह से देख सकते हैं."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT