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भारत का चंद्रयान-3 (Chandrayan 3) चांद को फतह करने के लिए निकल चुका है. 14 जुलाई को इसकी निर्धारित समय पर लॉन्चिंग की गई. चंद्रयान-3 ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया. ISRO के मुताबिक 14 जुलाई को ठीक 02.35 बजे चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान रॉकेट LVM3 द्वारा लॉन्च किया गया. उम्मीद है कि लगभग 3.84 लाख किलोमीटर का सफर करने के बाद चंद्रयान-3 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.
चंद्रयान 3 मिशन का नेतृत्व भारत की 'रॉकेट महिला' कही जाने वाली ऋतु करिधल श्रीवास्तव (Ritu Karidhal Srivastava) कर रही हैं. आइए जानते हैं कि ऋतु करिधल कौन हैं?
महिला आर्थिक मंच ( Women Economic Forum) के मुताबिक ऋतु करिधल श्रीवास्तव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में एक सीनियर साइंटिस्ट हैं, जिन्होंने मंगल ऑर्बिटर मिशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है.
ऋतु ने 1996 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में M.Sc और बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) से M.Tech किया है. लखनऊ यूनिवर्सिटी में उनके टीचर्स कहते हैं कि वो बहुत प्रतिभाशाली छात्रा थीं.
ऋतु श्रीवास्तव को छोटी उम्र से ही अंतरिक्ष की खोज में दिलचस्पी थी. स्कूल के दिनों में ISRO और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA की किसी भी स्पेस एक्टिविटीज से संबंधित न्यूज आर्टिकल इकट्ठा करना उनकी शौक में शामिल था.
चंद्रयान मिशन-3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है. उसके बाद रोवर एक्सपेरिमेंट करने के लिए बाहर निकलेगा. लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है.
इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन 1 चंद्र दिवस यानी 14 पृथ्वी दिवस है.
चंद्रयान-3 की सफलता भारत को उन देशों की लिस्ट में शामिल कर देगा, जो चंद्रमा पर सफल लैंडिंग कर चुके हैं. अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाये हैं.
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