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भारत का चंद्रयान-3 (Chandrayan-3) मिशन 23 अगस्त की शाम इतिहास रचने के लिए तैयार है. शाम करीब 6 बजकर 4 मिनट पर इसकी लैंडिंग होगी, लेकिन इससे पहले एक तरफ वैज्ञानिक एक-एक मिनट की मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ देश भर में मिशन की सफलता के लिए दुआएं की जा रही हैं.
भारत ने इसके पहले भी कई बड़े मिशन भेजे हैं, हम आपको भारत के उन बड़े मिशन के बारे में बताते हैं, जिसने दुनिया भर में हिंदुस्तान का सिर गर्व से ऊंचा किया है.
1. आर्यभट्ट, 1975: इस मिशन के लिए स्पेस्क्राफ्ट का नाम प्रसिद्ध भारतीय खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था. ये देश का पहला सेटेलाइट था. भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में इसे एक मील का पत्थर माना जाता है, क्योंकि इसे पूरी तरह से देश में ही डिजाइन किया गया था. 1975 में इसे रूस की मदद से लॉन्च किया गया था.
2. भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (INSAT), 1983: ये सिस्टम सेटेलाइट का एक नेटवर्क है, जो पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में संचार और प्रसारण की सुविधा देती है. इसका पहला सेटेलाइट 1983 में कक्षा में स्थापित किया गया था.
3. चंद्रयान, 2008: ये भारत का पहला मानवरहित मून मिशन था. यह भारत के अंतरिक्ष मिशन में इसे एक बड़ी उपलब्धी माना जाता है. इसमें सफलता के साथ ही ISRO चंद्रमा पर ऑर्बिटर भेजने वाले छह अंतरिक्ष संगठनों की खास सूची में शामिल हो गया था. इस मिशन में भारत को शुरुआती सफलता तो मिली लेकिन, लेकिन कुछ ही देर बाद ISRO का चंद्रयान से संपर्क टूट गया.
4. मंगलयान, 2014: भारत ने बेहद कम बजट में मार्स ऑर्बिटर मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च करके इतिहास रच दिया था. इसकी लागत अमेरिकी परियोजना से कम से कम 10 गुना कम थी. 450 करोड़ रुपये की यह परियोजना मंगल गृह के चारों ओर घूमती है और इसके वायुमंडल और खनिज संरचना की जानकारी भेजती है.
5. 2014 में एक साथ 104 सेटेलाइट लॉन्च: भारत ने एक ही मिशन पर 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च करके इतिहास रच दिया था. इसने रूस के लॉन्च किए गए 37 उपग्रहों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. इसमें 3 सेटेलाइट भारत के बाकी सभी विदेशी देशों से था.
6. चंद्रयान-3: ये भारत का मौजूदा मून मिशन है. ये मिशन सफल रहता है तो भारत चांद फतह करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन को ही मून-मिशन में सफलता मिली है. भारत के इस मिशन का बजट करीब 615 करोड़ रुपये है.
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