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चेन्नई (Chennai) समेत तमिलनाडु के अन्य इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ से जनजवीन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य में कम से 5 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1400 लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया गया है. उधर खराब प्रशासनिक तैयारियों से नाराज मद्रास हाई कोर्ट ने ग्रेटर चेन्नई नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है.
वहीं अगले 2 दिनों तक चेन्नई समेत राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. तमिलनाडु के रेवेन्यू और आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने कहा है कि चेन्नई, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम और करईक्कल के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया गया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कड्डलोर, विलुप्पुरम, शिवगंगा, रामनाथपुरम के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विभाग ने बुधवार को भारी बारिश की चेतावनी दी है. मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई है. हालात पर सीएम एमके स्टालिन भी नजर रख रहे हैं, उन्होंने मंगलवार को चेन्नई के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत सामग्री बांटी.
चेन्नई में बारिश के बाद के हालात को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन की फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने नगर निगम से पूछा कि 2015 की बाढ़ के बाद पिछले 6 साल स्थिति बेहतर करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी ऑडिकेसवालु की पीठ ने कहा, ''आधे साल हमें पानी के लिए रोना पड़ता है और आधे साल पानी में मरने को मजबूर किया जाता है.'' हाई कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो वह मामले का स्वतः संज्ञआन लेकर कार्रवाई करेगा.
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