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नहाय खाय से शुरू हुई छठ पूजा को लेकर तमाम राज्यों में तैयारियां की गई हैं. मुख्य रूप से छठी मैया की पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में होती है, लेकिन उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि यह पर्व पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक महीने में दिवाली के छठे दिन से होती है और चार दिनों तक चलती है.
इसे लेकर मुंबई से दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बिहार तक तैयारियां जारी है. छठ पूजा की भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे की तरफ से कई स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. रेलवे ने कई ऐसी ट्रेनें शुरू की हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड होकर जाएं, ताकि लोगों को अपने घर आने-जाने में किसी तरह की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.
हर साल छठ मुंबई के समुद्री किनारों, तालाब और नदी के किनारों पर मनाया जाता है लेकिन इस साल इसकी अनुमति नहीं दी गई है. इसे लेकर सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा.
कोरोना प्रोटोकॉल जैसे पूजा आयोजन स्थल पर सेनेटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था जरूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग होनी चाहिए.
बिहार में बड़े स्तर पर छठ मनाया जाता है. छठ पूजा से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना में घाटों को देखने गए. रविशंकर प्रसाद ने पाटीपुल घाट में छठ पूजा की तैयारियों का जायजा भी लिया, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी छठ (गंगा) घाटों का निरीक्षण किया.
छठ पूजा को लेकर पूर्वांचल परिवारों में उत्साह का माहौल बना हुआ है. इस पर्व को लेकर सोमवार 8 नवंबर को परिवारों द्वारा व्रत से संबंधित सभी तैयारियां पूरी की गईं. पर्व के पहले दिन व्रती महिलाओं घर की साफ-सफाई करती हैं, घीया और चने की दाल एक समय ग्रहण करती हैं. दूसरे दिन खरना में गुड़ से बनी खीर का सेवन किया जाता है और इसी के साथ 36 घंटे का निर्जल व्रत शुरू हो जाता है. छठ पूजा से संबंधित पकवान और प्रसाद तैयार किया जाता है.
वहीं तीसरे दिन व्रती निर्जल रहते हुए शाम को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देते हैं. जबकि चौथे दिन सुबह उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने उपरांत छठ पर्व का समापन हो जाता है.
दिल्ली यमुनापार में 63 घाटों को छठ पूजा के लिए चिह्नित किया गया है. नगर निगम, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और अन्य विभागों के साथ मिलकर जिला प्रशासन इन घाटों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड ने घाटों में पानी भरना शुरू कर दिया है. प्रशासन का स्पष्ट रूप से कहना है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्देशानुसार यमुना और उससे जुड़ी कोंडली नहर में सार्वजनिक रूप से पूजा करना प्रतिबंधित है.
याचिकाकर्ता ने अधिकारियों को कोविड प्रोटोकॉल के साथ यमुना किनारे छठ पूजा की अनुमति देने के लिए उचित आदेश या निर्देश देने की मांग की है.
छठ त्योहार को देखते हुए कई राज्यों में अवकाश घोषित किया गया है. दिल्ली सरकार ने इस साल 10 नवंबर को छठ महापर्व को लेकर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. बिहार में भी छठ पूजा की 10 नवंबर को ही छुट्टी होगी.
झारखंड में छुट्टी घोषित हो चुकी है. उत्तराखंड सरकार ने भी 10 नवंबर को छुट्टी का ऐलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश में भी अवकाश होगा और पश्चिम बंगाल में भी दो दिन की छुट्टी है.
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