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कोरोना वायरस संक्रमण बड़े शहरों के अलावा तेजी से ग्रामीण इलाकों में भी फैल ही रहा था. अब सघन जंगलों में नक्सलियों में भी कोरोना संक्रमण फैलने की खबर आई है. पिछले दिनों कोविड महामारी ने छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर, दुर्ग जैसे जिलों में कहर बरपाया था और अब ये राज्य के सीमावर्ती माओवाद प्रभावित इलाके बस्तर में भी तेजी से फैल रहा है. पुलिस ने बताया है कि करीब 200 नक्सली कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. साथ ही पुलिस को 10 नक्सलियों की कोरोना से मौत की जानकारी देने वाली चिट्ठी मिली है. नक्सलियों की तरफ से अभी इस पर कोई सफाई जारी नहीं की गई है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का अनुमान है कि करीब 200 नक्सलियों को कोरोना संक्रमण हो सकता है. इसलिए हम उनसे अपील करते हैं कि अपने और दूसरे ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर सरेंडर कर दें.
एसपी का कहना है कि नक्सलियों के एक जगह से दूसरी जगह जाने और स्थानीय लोगों के साथ मिलने-जुलने से वहां के लोगों के संक्रमित होने का खतरा है. बस्तर पुलिस का दावा है कि सीपीआई माओवादी गुरिल्ला के करीब 10 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत भी हो चुकी है. अब संक्रमण तेजी से दूसरे नक्सलियों में भी फैल रहा है.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि-
पुलिस का कहना है कि अपनी जान बचाने के लिए कई सारे माओवादियों ने संगठन छोड़ दिया है और किसी दूसरी जगह पर चले गए हैं. हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
आईजी ने आरोप लगाया कि- माओवादी आदिवासियों और छोटे कैडर को पिछले साल की ही तरह भटका रहे हैं. इसकी वजह से बस्तर में तबाही आ सकती है.
दो दिन पहले अफवाह उड़ी थी कि दरभा डिविजन के 100 माओवादी कोरोना वायरस का शिकार हो गए और उनमें से कई लोग कोरोना के आंध्र वाले स्ट्रेन से संक्रमित हो गए.
नक्सलियों ने कोन्टा और द्रोनपाल इलाके से दवाइयां और वैक्सीन की लूट की थी. अभी तक नक्सलियों की तरफ से इन आरोपों पर कोई सफाई जारी नहीं की गई है.
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