Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Dantewada Blast: नक्सलियों ने दी धमकी और शहीदों की अपने गांव में नहीं जली चिता

Dantewada Blast: नक्सलियों ने दी धमकी और शहीदों की अपने गांव में नहीं जली चिता

माओवादियों की चेतावनी के बीच दो जवानों के शवों का अंतिम संस्कार उनके परिवारों की इच्छा के अनुसार नहीं किया जा सका.

विष्णुकांत तिवारी & रौनक शिवहरे
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>नक्सलियों ने दी धमकी और शहीदों की अपने गांव में नहीं जली चिता</p></div>
i

नक्सलियों ने दी धमकी और शहीदों की अपने गांव में नहीं जली चिता

(Photo sourced by The Quint)

advertisement

दुलगो मंडावी ने 2020 में एक माओवादी के रूप में सरेंडर किया था. इसके तीन साल बाद, 6 मार्च 2023 को, वह जिला रिजर्व गार्ड (DRG) में शामिल हो गया.

और इसके महज 41 दिन बाद, बुधवार, 26 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुए घातक माओवादी हमले (Dantewada Naxal Attack) में मारे गए 10 जवानों में वह भी शामिल था.

DRG एक राज्य-निर्मित फोर्स है, जिसमें सरेंडर करने वाले माओवादी और स्थानीय युवा शामिल हैं.

कटेकल्याण पुलिस थाना क्षेत्र के मरजुम गांव के रहने वाले 22 वर्षीय दुलगो मंडावी के भाई मंगलूराम मंडावी ने द क्विंट को बताया, "पुलिस में शामिल होने के बाद इतने कम समय में दुलगो की मौत हो गई है."

मामले को बदतर बनाते हुए, माओवादियों ने कथित तौर पर दुलगो मंडावी के गांव में उनका अंतिम संस्कार करने के खिलाफ चेतावनी जारी की है. उनके भाई मंगलूराम मंडावी भी डीआरजी में सेवारत एक जवान भी हैं. उन्होंने कहा कि गांव के सरपंच ने उन्हें दुलगो के शव को गांव वापस नहीं लाने के लिए कहा है.

"गांव के सरपंच ने हमें बताया कि उन्हें माओवादियों ने चेतावनी दी है कि वे दुलगो का अंतिम संस्कार गांव में न करें. दंतेवाड़ा में करें."

दंतेवाड़ा की करली पुलिस लाइन के पीछे दुलगो का अंतिम संस्कार किया गया. यहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य अधिकारियों ने शहीद जवानों को अंतिम श्रद्धांजलि दी.

दंतेवाड़ा की करली पुलिस लाइन के पीछे दुलगो का अंतिम संस्कार किया गया.

(Photo sourced by The Quint)

दुल्गो की तरह, जोगा कवासी ने 2020 में एक माओवादी के रूप में आत्मसमर्पण किया था. दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण पुलिस थाना क्षेत्र के बडेगडम गांव के निवासी जोगा कवासी भी 6 मार्च 2023 को डीआरजी में शामिल हुए थे.

कथित तौर पर माओवादियों की धमकियों के कारण जोगा का परिवार उनका शव लेने नहीं आ सका. उनके दोस्त, गंगा मुचाकी, जो माओवादी से सिपाही बने, ने उनका शव प्राप्त किया और उनका अंतिम संस्कार किया.

गंगा ने द क्विंट को बताया कि माओवादियों ने जोगा के पिता के 2020 में आत्मसमर्पण करने के एक साल के भीतर ही उनकी हत्या कर दी थी.

"मैं जोगा को कुछ दूर के रिश्तेदारों के माध्यम से जानता था, और हम दोनों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. इसलिए, हम दंतेवाड़ा में भी एक-दूसरे को जानते थे. 2020 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के एक साल के भीतर उनके पिता को 2021 में माओवादियों ने मार डाला था."
गंगा मुचाकी
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

26 अप्रैल को नक्सली हमले में 10 जवान शहीद हुए थे

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार, 26 अप्रैल को एक वाहन में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से विस्फोट होने से 10 पुलिसकर्मियों और उनके ड्राइवर की मौत हो गई थी. अधिकारियों के अनुसार, पुलिसकर्मी एक माओवादी विरोधी अभियान से लौट रहे थे, जिसे खुफिया सूचनाओं के बाद शुरू किया गया था.

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने ली हमले की जिम्मेदारी

भारती की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और इस हमले को जवाबी हमला बताते हुए वीरतापूर्ण हमला बताया है. इस पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी पर अडानी से उनके करीबी संबंधों के लिए हमला बोला गया है. इसके साथ ही पत्र में पुलिस और युवाओं से कुछ अपील की गई है.

नक्सलियों ने पुलिस से अपील की है. उन्होंने पत्र में अपील की है कि हमारी लड़ाई सामंतवाद, पूंजीवाद और नौकरशाही के खिलाफ है. केंद्र और राज्य की सरकारें आपका एक औजार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं.

नक्सलियों ने युवाओं से भी अपील की है. उन्होंने पत्र के जरिए युवाओं को संदेश दिया है कि आप पुलिस नौकरी में भर्ती न होकर सम्मानपूर्वक तरीके से और इज्जत से जीने के लिए दूसरे विभागों में नौकरी करें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT