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भारत ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तीन एथलीटों को स्टांप वीजा के बजाय स्टेपल वीजा जारी करने के चीन के फैसले के विरोध में खिलाड़ियों को वापस ले लिया है. चीन के चेंगदू (Chengdu) में शुक्रवार, 28 जुलाई से एक वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स होने जा रहा था, जिसमें से भारत ने अपनी पूरी वुशु (मार्शल आर्ट) टीम को नहीं भेजने का फैसला किया है.
नोट
स्टेपल्ड वीजा बस कागज का एक बिना मोहर लगा हुआ टुकड़ा होता है जो पासपोर्ट के एक पेज पर पिन या स्टेपल द्वारा जुड़ा होता है और इसे इच्छानुसार फाड़ा या अलग किया जा सकता है. यह नियमित/रेगुलर वीजा से अलग है जिसे जारी करने वाले प्राधिकारी द्वारा पासपोर्ट पर चिपकाया जाता है और मुहर लगाई जाती है.
कोच राघवेंद्र सिंह के मुताबिक नई दिल्ली में एयरपोर्ट के अधिकारियों द्वारा गुरुवार आधी रात को डिपार्टर से कुछ मिनट पहले बोर्डिंग गेट पर पांच एथलीटों, एक कोच और दो सहायक कर्मचारियों सहित आठ सदस्यीय टीम को रोकने के कुछ घंटों बाद यह फैसला लिया गया.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक राघवेंद्र सिंह ने बताया कि
जिस ग्रुप को चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई, उसमें अरुणाचल प्रदेश के एथलीट शामिल नहीं थे. उन्हें शुक्रवार, 28 जुलाई को सुबह 1.05 बजे उड़ान भरनी थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के फैसले को "अस्वीकार्य" कहा और कहा कि भारत इस तरह की कार्रवाइयों पर उचित प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित रखता है.
वुशु फेडरेशन ऑफ इंडिया (Wushu Federation of India) के एक अधिकारी ने Indian Express को बताया कि एथलीटों ने 16 जुलाई को वीजा के लिए आवेदन किया था. टीम के बाकी सदस्यों के आवेदन वक्त पर प्रोसेस किए गए थे लेकिन अरुणाचल के तीन एथलीटों (ओनिलु तेगा, न्येमान वांगसु और मेपुंग लाम्गु) के डॉक्यूमेंट्स स्वीकार नहीं किए गए थे.
उन्हें मंगलवार, 25 जुलाई को अपने एप्लीकेशन फिर से सबमिट करने के लिए कहा गया और चीनी दूतावास ने बुधवार दोपहर स्टेपल वीजा के साथ उनके पासपोर्ट वापस कर दिए.
पहले भी, देश ने अरुणाचल प्रदेश के एथलीटों को वीजा देने से इनकार कर दिया है या स्टेपल वीजा जारी किया है, जिससे उनकी यात्रा पर प्रभावी रूप से रोक लग गई है.
साल 2011 में चीनी दूतावास ने क्वांगहोउ (Quanghou) में एक चैंपियनशिप के लिए अरुणाचल प्रदेश के पांच कराटे खिलाड़ियों को स्टेपल वीजा जारी किया था.
2013 में दो तीरंदाजों- स्प्रांग युमी और मासेलो मिहू को इसी वजह से Youth World Archery Championship में भाग लेने से रोक दिया गया था.
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