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भारत-चीन संबंध : योग, कल्चर एक्सचेंज को बढ़ावा देने के लिए कुनमिंग में हुए इवेंट

Ni Huifang ने उम्मीद जताई है कि चीन और भारत के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से समझ का अंतर कम होगा.

चाइना पिक्टोरियल
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>2023 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और चाइना साउथ एशिया कल्चर एंड आर्ट वीक का&nbsp;उद्घाटन समारोह</p></div>
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2023 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और चाइना साउथ एशिया कल्चर एंड आर्ट वीक का उद्घाटन समारोह

(Photo: Qiao Zhenqi)

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और चाइना साउथ एशिया कल्चर एंड आर्ट वीक जो चाइना-इंडिया कल्चरल एक्सचेंज इवेंट्स का हिस्सा हैं, वह 20 जून 2023 को चीन के दक्षिण-पश्चिम युन्नान प्रांत, कुनमिंग में आयोजित किए गए थे.

ये इवेंट्स 'ओपननेस, इंटीग्रेशन, इनोवेशन एंड डेवलवमेंट' थीम पर आयोजित किए गए थे. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत करना, युन्नान प्रांत और दक्षिण एशियाई देशों के बीच लोगों से लोगों के बीच संपर्क और आपसी सीख को बढ़ाना, और दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में युन्नान के विकास को बढ़ावा देना है.

इन कार्यक्रमों के उद्घाटन समारोह के दौरान युन्नान मिंज़ू यूनिवर्सिटी (YMU) के सेक्रेटरी रुआन चाओकी ने कहा कि YMU में भारत-चीन योग कॉलेज ने एक इनोवेटिव ब्रिज का निर्माण किया है इसके साथ ही चीन और भारत के बीच गैर-सरकारी राजनयिक आदान-प्रदान के लिए एक नया संबंध स्थापित किया है. इसने लोगों-से-लोगों के (people-to-people) संबंधों को बढ़ावा देने में अमूल्य योगदान दिया है. यह कॉलेज चीन में योग का स्थानीयकरण (localises) करता है और "स्वस्थ चीन" (हेल्दी चाइना) पहल पर काम करता है. यह चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक और पीपुल-टू-पीपुल एक्सचेंज के लिए एक बिजनेस कार्ड के रूप में भी काम करता है.

उद्घाटन समारोह के दौरान रुआन चाओकी भाषण देते हुए.

(Photo: Qiao Zhenqi)

प्राचीन सभ्यताओं से ताकत हासिल करने का महत्व

चाइना एजुकेशन एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल एक्सचेंज की उपाध्यक्ष और युन्नान एजुकेशन एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल एक्सचेंज की अध्यक्ष नी हुइफैंग ने अपनी स्पीच के दौरान इस बात का उल्लेख किया कि चीन और भारत दो पड़ोसी प्राचीन सभ्यताएं हैं.

उन्होंने प्राचीन सभ्यताओं से ताकत हासिल करने और पूर्वी ज्ञान को साझा करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि चीन और भारत के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से समझ का अंतर कम होगा, लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान (people-to-people exchanges) बढ़ेगा और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.

उद्घाटन समारोह के दौरान भाषण देती हुई नी हुइफैंग.

(Photo: Qiao Zhenqi)

युन्नान प्रांत की पीपुल्स सरकार के विदेश मामलों के कार्यालय के डिप्टी डायरेक्टर मा ज़ुओक्सिन (Ma Zuoxin) ने कहा कि चीन की ताई ची और भारत का योग दोनों पारंपरिक खजाने हैं. वे शांति, सौम्यता, समावेशिता और सेल्फ मॉटिवेशन के आध्यात्मिक मायने रखते हैं, जो दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक उत्पत्ति का संकेत देते हैं.

उद्घाटन समारोह के दौरान भाषण देते हुए मा ज़ुओक्सिन 

(Photo: Qiao Zhenqi)

स्थिर और स्वस्थ द्विपक्षीय संबंधों के विकास को सुविधाजनक बनाना

चाइना इंटरनेशनल कम्युनिकेशन ग्रुप (CICG) सेंटर फॉर यूरोप एंड एशिया (चाइना पिक्टोरियल पब्लिकेशन) की डिप्टी एडिटर-इन-चीफ यू जिया ने उम्मीद जताई कि इन कार्यक्रमों से चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग (cooperation) में और सुधार होगा, दो सभ्यताओं के संचार और सहयोग नेटवर्क का विस्तार होगा, ये इवेंट्स आपसी समझ में सुधार करने में मदद कर सकती हैं और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को सुविधाजनक बना सकती हैं.

चीन, भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी सीख को बढ़ावा देने के लिए CICG सेंटर फॉर यूरोप एंड एशिया वाईएमयू और युन्नान के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ ही साथ प्रांत के मीडिया आउटलेट्स और थिंक टैंक के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है.

उद्घाटन समारोह के दौरान भाषण देती हुई यू जिया

(Photo: Qiao Zhenqi)

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कॉन्फेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स के अध्यक्ष हिमाद्रिश सुवन ने अपने भाषण के दौरान इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत के उदय का दुनिया पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि प्रमुख उभरते और पड़ोसी देशों के लिए "आपसी विश्वास बढ़ाने, सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने, मतभेदों को प्रबंधित करने और साझा विकास की तलाश करने" की दिशा में एक-दूसरे के साथ आने के तरीकों का पता लगाने के लिए हमें अपनी दोनों सभ्यताओं के हजारों वर्षों से ज्ञान प्राप्त करना चाहिए.

उन्होंने चीन-भारत संबंधों के दीर्घकालिक विकास के लिए सार्वजनिक समर्थन को मजबूत करने के लिए समावेशिता, पारस्परिक सम्मान और समानता को बढ़ावा देने, स्थानीय आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने और लोगों से लोगों के बीच (people-to-people) संबंधों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया.

उद्घाटन समारोह के दौरान भाषण देते हुए हिमाद्रिश सुवन

(Photo: Qiao Zhenqi)

100 से अधिक विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने योग किया

समारोह के दौरान, वाईएमयू और सीआईसीजी सेंटर फॉर यूरोप एंड एशिया ने ताई ची और योग संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच दोस्ती बढ़ाने के क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने पर एक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (समझौते) पर हस्ताक्षर किए.

(Photo: Qiao Zhenqi)

समारोह के बाद वाईएमयू के 100 से अधिक विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा ताई ची और योग का प्रदर्शन किया गया.

वाईएमयू के विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा ताई ची और योग का प्रदर्शन.

(Photo: Qiao Zhenqi)

चीन और विदेशों से जुटे 30 से अधिक एक्सपर्ट्स और स्कॉलर्स ने उसी दिन दोपहर को चाइना-इंडिया कल्चरल एक्सचेंज के मुख्य फोरम (कार्यक्रम) और दो पैरेलल (समानांतर) उप कार्यक्रमों (sub-forums) में हिस्सा लिया. उप कार्यक्रमों में उन्होंने "न्यू अपॉर्चुनिटीज फॉर इंडस्ट्री-एजुकेशन इंटीग्रेशन बिटवीन अ हेल्दी चाइना, और ताई ची एंड योग" (“New Opportunities for Industry-Education Integration between a Healthy China, and Tai Chi & Yoga”) और "न्यू पाथ्स फॉर द इंहेरिटेंस एंड म्यूचुअल लर्निंग ऑफ ट्रेडिशनल चाइनीज एंड इंडियन कल्चर" (“New Paths for the Inheritance and Mutual Learning of Traditional Chinese and Indian Culture.”) विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

चीन और विदेशों से जुटे सहभागियों का ग्रुप फोटो

(Photo: Qiao Zhenqi)

युन्नान प्रांतीय शिक्षा विभाग, युन्नान प्रांत की पीपुल्स सरकार के विदेशी मामलों के कार्यालय, युन्नान प्रांत स्पोर्ट ब्यूरो, युन्नान इंटरनेशनल कम्युनिकेशन सेंटर फॉर साउथ एंड साउथईस्ट एशिया, युन्नान मिंज़ू यूनिवर्सिटी और सीपीसी कुनमिंग म्युनिसिपल कमेटी, CICG सेंटर फॉर यूरोप एंड एशिया (चाइना पिक्टोरियल पब्लिकेशन्स), और युन्नान एजुकेशन एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल एक्सचेंज द्वारा इन कार्यक्रमों की मेजबानी संयुक्त रूप से की गई थी.

(यह कंटेंट बीजिंग स्थित चाइना पिक्टोरियल द्वारा प्रदान किया गया है.)

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