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भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच एक तरफ देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #BoycottChineseApps मुहिम चल रही थी. दूसरी तरफ 6 जून को सरकार ने टिकटॉक पर अपना ऑफिशियल अकाउंट बना लिया. कुछ समय में ही @MyGovIndia हैंडल के फॉलोअर्स की संख्या करीब 8 लाख तक पहुंच गई. हालांकि, विवादों के ऐसे दौर में ये अकाउंट बनाया गया था जिससे दूसरे सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब चर्चा होने लगी. टिकटॉक को वैसे ही 'चाइनीज ऐप' होने की वजह से निशाने पर लिया जाता रहा है.
अकाउंट बनाने के ठीक 23 दिन बाद ही सरकार ने ऐलान कर दिया कि 59 चाइनीज ऐप्स भारत में बैन कर दिए गए हैं. इनमें टिकटॉक बड़ा नाम था और इसी के साथ @MyGovIndia अकाउंट भी काम का नहीं रहा.
29 जून बैन के ऐलान में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री ने कहा, इन ऐप्स का डेटा का संकलन, माइनिंग और प्रोफाइलिंग राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिए सही नहीं थे, जिससे हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता प्रभावित हो रही थी और यह गहरी चिंता का विषय था और इस पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत थी."
ऐसे में इन तीन हफ्तों में टिकटॉक, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में 'सहयोगी' तो कभी देश की संप्रुभता और अखंडता को प्रभावित करने वाले ऐप के तौर पर दिखी. MyGovIndia हैंडल से इस प्लेटफॉर्म पर आरोग्य सेतु ऐप, योगा और कोरोना वायरस जागरूरकता से जुड़े दर्जनों वीडियोज पोस्ट किए गए थे.
अपने यूजर्स और सरकार के साथ रिश्तों को लेकर जून के महीने में टिकटॉक को काफी उतार-चढाव देखने पड़े. भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का असर टिकटॉक पर भी दिखा, लगातार इसे बैन करने की मांग की जा रही थी. ऐसे में टिकटॉक पर लगा ये बैन कोई हैरान करने वाला नहीं है, इसकी मांग पुरजोर तरीके से नेता से लेकर आम लोग तक रख रहे थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जून की शुरुआत में इंटेलिजेंस एजेंसीज की तरफ से चाइनीज ऐप्स के खिलाफ निर्देश भी सामने आए थे.
लॉकडाउन के शुरू होने और बाद के पखवाड़े में टिकटॉक को सबसे पॉपुलर ऐप का तमगा हासिल हुआ. 25 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ था और इस बीच टिकटॉक देश का सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाला ऐप बन गया था. 11 मार्च से 10 अप्रैल के बीच ये 43.3 मिलियन डाउनलोड हुआ था. लॉकडाउन के शुरुआती हफ्तों में टिकटॉक को सिर्फ जूम ही टक्कर दे सका था.
टिकटॉक ने भारत में कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स के लिए 40 लाख प्रोटेक्टिव सूट डोनेट किए थे, जिनकी कुल कीमत करीब 100 करोड़ रुपये थी. 3 जून को टिकटॉक ने दो एनजीओ को 5 करोड़ रुपये की मदद भी की थी.
इस बीच 16 अप्रैल को गृह मंत्रालय के साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (CyCord) ने लोगों के लिए जूम के सुरक्षित इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी जारी की. ये एडवाइजरी सरकारी ऑफिस और अधिकारियों के आधिकारिक कामकाज के लिए नहीं है.
यहां दो चीजें देखना जरूरी है कि खामियों के बाद भी इस निर्देश के बाद जूम ऐप किसी सख्त दंडात्मक कार्रवाई से बच गया था.दूसरी बात, गृह मंत्रालय की एडवाइजरी CERT-In की चेतावनी के साथ आई थी. CERT-In ने अपनी तरफ से कोई एडवाइजरी पब्लिक नहीं की थी, हालांकि चेतावनी को ऐप पर बैन की वजह माना जा सकता है.
मद्रास हाईकोर्ट के टिकटॉक पर बैन के आदेश के बाद सरकार ने गूगल और एप्पल को कार्रवाई के लिए कहा था और ऐप को प्लेस्टोर और एप्पल स्टोर से हटा लिया गया था. बैन की वजह पॉर्नोग्राफिक कंटेंट को बताया था, इस बैन को 24 अप्रैल को हटा लिया गया.
एक महीने में 50 लाख डाउनलोड के साथ टिकटॉक का देसी वर्जन कहा जाने वाला ऐप मित्रो काफी सुर्खियों में आया. यहां तक की इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने इस ऐप को टिकटॉक का जवाब बता दिया. हालांकि, द क्विंट ने इस ऐप के सोर्स कोड का पूरा ब्योरा अपनी एक रिपोर्ट में सामने रखा, जिसमें ये सामने आया कि ये ऐप एक पाकिस्तानी ऐप TicTic की रिब्राडिंग है. Roposo और Chingari जैसे ऐप को भी टिकटॉक के खिलाफ लहर का फायदा मिला.
@MyGovIndia ने एंटी-चीन सेंटिमेंट के बीच टिकटॉक पर एंट्री की. कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता और आरोग्य सेतु ऐप से जुड़े वीडियो डाले गए.
भारत-चीन सीमा पर खूनी संघर्ष के दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हो गए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों ने सरकार से 52 मोबाइल एप्लीकेशंस को बैन करने या लोगों को इन ऐप्स के खिलाफ सचेत करने के लिए कहा. इसका मकसद था कि चीनी खतरे के बीच यूजर्स के डेटा की सुरक्षा की जा सके.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने चीन को सबक सिखाने के लिए टिकटॉक पर बैन की मांग की. उनका कहना था कि 15 करोड़ भारतीय यूजर टिकटॉक पर हैं जिससे करोड़ों का फायदा चीन को मिलता है.
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) का लेटर बताकर एक फर्जी लेटर शेयर किया जाने लगा, जिसमें ये दावा किया गया था कि चीनी ऐप बैन कर दिए गए हैं. हालांकि, जब क्विंट ने NIC अधिकारियों से बात की तो उन्होंने ये कंफर्म किया कि लेटर फर्जी है और ऐसा कोई आदेश ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से जारी नहीं किया गया है.
और फिर 29 जून की शाम को ये खबर आई कि भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है.
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