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भारत के हाईवे प्रोजेक्ट्स में बैन होंगी चीनी कंपनियां- नितिन गडकरी

चीनी निवेशकों को एमएसएमई सेक्टर में भी नहीं मिलेगी प्राथमिकता

क्विंट हिंदी
भारत
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गडकरी ने एक इंटरव्यू में चीनी कंपनियों से दूरी बनाने की बात कही
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गडकरी ने एक इंटरव्यू में चीनी कंपनियों से दूरी बनाने की बात कही
(फाइल फोटो: PTI)

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एलएसी पर लगातार अपनी मनमानी कर रहे चीन को लेकर अब भारत में एक्शन लिए जा रहे हैं. ये एक्शन बॉर्डर पर नहीं बल्कि चीनी कंपनियों के खिलाफ लिए जा रहे हैं. अब भारत चीनी कंपनियों को सभी हाईवे प्रोजेक्ट्स से बाहर निकालेगा. किसी भी चीनी कंपनी को आगे हाईवे से जुड़े कोई काम नहीं दिए जाएंगे. ये बात खुद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कही. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि चीनी निवेशकों को एमएसएमई सेक्टर में प्राथमिकता नहीं दी जाएगी.

MSME सेक्टर में भी दरवाजे बंद

चीन के साथ लगातार जारी तनाव के बीच केंद्रीय मंत्री गडकरी का ये बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने अपने बयान में साफ कर दिया है कि अब चीनी कंपनियों को भारत में बड़े प्रोजेक्ट्स से दूर ही रखा जाएगा. इसके अलावा छोटे उद्योगों में भी चीनी निवेशकों के लिए दरवाजे बंद करने की तैयारियां चल रही है. नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा,

"चीनी कंपनियों को हाईवे प्रोजेक्ट्स से दूर रखने के लिए जल्द एक पॉलिसी लाई जाएगी. इसके अलावा अब भारतीय कंपनियों के लिए नियमों में छूट दी जाएगी, जिससे वो हाईवे प्रोजेक्ट्स में अपनी योग्यता को बढ़ा सकें. सरकार की तरफ से लिए जाने वाले फैसले मौजूदा और भविष्य में जारी होने वाले टेंडर्स पर लागू होंगे."
नितिन गडकरी
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इसका मतलब उन चीनी कंपनियों को भी हाईवे प्रोजेक्ट से बाहर निकाला जाएगा, जिन्हें हाल ही में टेंडर मिला है. केंद्रीय मंत्री ने ये साफ कर दिया कि जिन प्रोजेक्ट्स में चीनी कंपनियां भी जुड़ी हैं, उनके लिए दोबारा से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. साथ ही गडकरी ने ये भी बताया कि अगर चीनी कंपनियां किसी ज्वाइंट वेंचर के जरिए भारत में आने की कोशिश करती हैं तो भी उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी.

चीनी कंपनियों से छिन चुके हैं करोड़ों के टेंडर

हाल ही में रेलवे ने चीनी कंपनी के साथ अपने 471 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था. रेलवे के साथ काम करने वाली डेडिकेटेड फ्रीट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) ने बताया था कि ये कॉन्ट्रैक्ट इसलिए रद्द किया गया क्योंकि तय वक्त के मुताबिक कंपनी अपना काम नहीं कर पाई थी. इसके अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों में भी चीनी कंपनियों से टेंडर छीनने की खबरें सामने आई थीं.

चीनी कंपनियों से करोड़ों के टेंडर छीनने के अलावा हाल ही में भारत सरकार ने चीन की 59 ऐप्स को बैन करने का भी ऐलान किया. जिनमें कई ऐसी ऐप भी शामिल हैं, जिनका भारत में काफी बड़ा बिजनेस था. ये सारी कार्रवाई गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद हो रही है. जहां भारत ने अपने 20 जवानों को खो दिया था.

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Published: 01 Jul 2020,04:58 PM IST

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