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राम विलास जयंती पर चिराग ने शुरू की 'आशीर्वाद यात्रा', बोले-शेर का बेटा हूं

Chirag Paswan बोले, "मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, जैसे पापा कभी नहीं डरे थे वैसे ही मैं भी कभी नहीं डरूंगा."

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>चिराग पासवान</p></div>
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चिराग पासवान

(फोटो: ट्विटर/@iChiragPaswan)

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बिहार के पासवान परिवार और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में चल रही उठापटक के बीच आज पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की.

एक तरफ चाचा पशुपति पारस राम विलास पासवान की जयंती समारोह मना रहे हैं, तो दूसरी तरफ चिराग आज से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं.

पटना से लेकर हाजीपुर में हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है. चिराग पासवान ने यात्रा से पहले कहा,

"मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, शेर का बेटा हूं, जैसे पापा कभी नहीं डरे थे वैसे ही मैं भी कभी नहीं डरूंगा."

हाजीपुर से चिराग की यात्रा के पीछे संदेश

चिराग पासवान ने राम विलास पासवान के पुराने क्षेत्र हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की है. बता दें कि एलजेपी के लिए हाजीपुर संसदीय क्षेत्र पारंपरागत सीट रही है. रामविलास पासवान इस क्षेत्र का कई बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, लेकिन फिलहाल यहां से चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस सांसद हैं.

वहीं दूसरी ओर पशुपति पारस गुट भी पांच जुलाई को रामविलास पासवान जयंती समारोह का आयोजन कर रहा है.

यात्रा से पहले पटना में हंगामा

आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत के लिए चिराग पासवान पटना पहुंचे थे. हाईकोर्ट के पास भीम राव आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करना था, लेकिन ग्रिल बंद होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका. जिसपर चिराग नाराज होकर वहीं धरने पर बैठ गए. चिराग का कहना था कि उन्होंने इसकी जानकारी पहले से ही प्रशासन को दी थी, बावजूद इसके उन्हें रोका गया. हालांकि कुछ देर आंबेडकर मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर चिराग वैशाली के लिए रवाना हुए.

बता दें कि चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने एलजेपी के 5 सांसदों के साथ मिलकर चिराग पासवान को अलग कर दिया है. पारस ने 5 सांसदों की एक चिट्ठी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को भेजी थी जिसमें उन्हें संसदीय दल का नेता बनाने की मांग की गई थी.

चिराग असली वारिस?

अब इस अंदरूनी कलह के बीच चिराग की यात्रा को एक तीर से दो निशाने के तौर पर देखा जा रहा है. पारस के संसदीय क्षेत्र से चिराग अपनी ताकत दिखाकर इसका एहसास कराने की कोशिश करेंगे कि रामविलास पासवान के कारण पारस आज सांसद हैं. साथ ही इस यात्रा के दौरान चिराग राज्यभर का दौरा करेंगे, जिससे बिहार के लोगों से जुड़ने का मौका है.

इसके अलावा ये भी माना जा रहा है कि चिराग पासवान इस यात्रा के जरिए बीजेपी और जेडीयू को अपनी ताकत का अंदाजा भी कराना चाहते हैं और ये साबित करना चाहते हैं कि एलजेपी पारस की नहीं बल्कि चिराग पासवान की ही है.

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