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फैसला BJP को लेना है मेरा साथ देते हैं या नीतीश का: चिराग पासवान

इससे पहले चिराग पासवान ने मंगलवार को एक खुला खत लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली.

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खुद को पीएम मोदी का अनुमान बताने वाले चिराग पासवान का कहना है कि वो BJP के साथ हैं और आगे भी रहेंगे. चिराग का कहना है कि उन्होंने हर नीतिगत फैसले में बीजेपी का समर्थन किया है और नीतीश ने बीजेपी के हर फैसले का विरोध किया है.

अब ये फैसला BJP को लेना है कि वो आने वाले समय में मेरा साथ देते हैं या नीतीश जी का. मैंने हनुमान की तरह प्रधानमंत्री जी का हर मुश्किल दौर में साथ दिया, आज जब हनुमान का राजनीतिक वध करने का प्रयास किया जा रहा है, मैं ये विश्वास करता हूं कि ऐसे में राम खामोशी से नहीं देखेंगे.
चिराग पासवान,LJP
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चिराग पासवान ये भी कहते हैं कि उनका गठबंधन बीजेपी के साथ हुआ है. इससे पहले चिराग पासवान ने मंगलवार को एक खुला खत लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान ने कभी भी नीतीश कुमार से समझौता नहीं किया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश ने रामविलास पासवान को अपमानित करने और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा.

पार्टी का नाम और चिह्न हमारे पास रहेगा- चिराग

इसी के साथ चिराग पासवान का कहना है कि पार्टी में हुए दो फाड़ के बाद भी उनका पक्ष मजबूत है और इसलिए नाम और चिह्न दोनों ही उनके पास ही रहेगा.

मेरे परिवार के लोगों ने ही मेरी पार्टी को तोड़ने का काम किया है, फिलहाल मुझे अपनी पार्टी को शून्य से उस मुकाम पर लेकर जाना है जहां पापा पार्टी को हमेशा लेकर जाना चाहते थे.
चिराग पासवान,LJP

बता दें कि इसी महीने लोक जनशक्ति पार्टी के पांच सांसद चिराग के खिलाफ हो गए. लोकसभा में चिराग के चाचा पशुपति पारस पार्टी के संसदीय दल के नेता घोषित कर दिए गए. पशुपति पारस गुट का कहना है कि लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष अब पारस ही हैं और चिराग पासवान अलग-थलग पड़ गए हैं. वहीं चिराग का दावा है कि अब भी वो पार्टी के अध्यक्ष हैं. इन सबके बीच चिराग पासवान पूरे घटनाक्रम के पीछे जेडीयू के होने का दावा कर हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी पर जमकर बरसते दिखे थे. चिराग की इस रणनीति से पशुपति पारस खफा बताए जा रहे हैं. पार्टी में टूट का यही कारण भी बताया जा रहा है. नतीजों में एलजेपी को भारी निराशा का सामना करना पड़ा था.

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