Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019घाटी की लाइफलाइन काट कर सरकार क्यों कहती है कश्मीरी हमारे हैं?

घाटी की लाइफलाइन काट कर सरकार क्यों कहती है कश्मीरी हमारे हैं?

उधमपुर-बारामुला हाईवे को बंद करने से घाटी के 70 लाख लोगों की जिंदगी रुक गई है

दीपक के मंडल
भारत
Updated:
उधमपुर से बारामुला तक 270 किलोमीटर का  नेशनल हाईवे बंद करने के बाद अटके लोग 
i
उधमपुर से बारामुला तक 270 किलोमीटर का नेशनल हाईवे बंद करने के बाद अटके लोग 
फोटो : PTI 

advertisement

जम्मू-श्रीनगर-उरी नेशनल हाईवे के 270 किलोमीटर हिस्से को सप्ताह में दो दिन के लिए नागरिकों के लिए बंद करने के बाद घाटी मे भारी उथल-पुथल मची हुई है. इस फैसले के बाद घाटी का जनजीवन लगभग ठप हो गया है. भारी विरोध की वजह से टूरिस्टों, स्टूडेंट्स और मरीजों के लिए इस हाईवे पर सफर करने की रियायत दी गई लेकिन आम लोगों के लिए सप्ताह में दो दिन यह हाईवे सुबह से शाम तक बंद है.

उधमपुर से बारामुला तक 270 किलोमीटर का यह नेशनल हाईवे घाटी के लोगों की लाइफलाइन है. लेकिन बुधवार और रविवार को इसे सिर्फ मिलिट्री ट्रांसपोर्टेशन के इस्तेमाल के लिए खोलने के फैसले ने घाटी पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस समेत तमाम राजनीतिक पार्टियों को लामबंद कर दिया है. राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इसे कोर्ट में चुनौती देने की चेतावनी दी है. उन्होंने आम नागरिकों को इस फरमान को ना मानने की सलाह दी है.

महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी देते हुए कहा

हम इस फरमान के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं. अगर सरकार सोचती है कि वह कश्मीर के लोगों को कुचल देगी तो वह गलत सोचती है. कश्मीर कश्मीरियों के लिए है और उन्हें अपनी ही सड़क के इस्तेमाल के लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है.

घाटी की लाइफ लाइन है जम्मू-श्रीनगर-उरी नेशनल हाईवे

जम्मू-श्रीनगर-उरी नेशनल हाईवे में उधमपुर से बारामुला तक का हिस्सा 270 किलोमीटर का है. सरकार ने हाल में हुए पुलवामा अटैक का हवाला देकर इस हाईवे को मिलिट्री और उसके साजोसामान के मूवमेंट के लिए दो दिन रिजर्व करने का फैसला किया है.

अब बुधवार और रविवार सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक इस हाइवे से मिलिट्री का काफिला गुजरेगा. उस दिन नागरिकों की आवाजाही बंद रहेगी. यह हाइवे घाटी के दस में से पांच जिलों से होकर गुजरता है. यहां से कुछ और सड़कें भी निकलती हैं. सरकार के इस फैसले ने इन जिलों में रहने वाले लगभग 70 लाख लोगों पर असर डाला है. इसलिए इस आदेश से घाटी में हड़कंप मचा हुआ है. मानो घाटी की लाइफलाइन काट दी गई हो. हर घंटे घाटी के दोनों ओर से हर घंटे इस सड़क से दस हजार गाड़ियां गुजरती हैं.

उधमपुर-बारामुला हाईवे बंद करने के फैसले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर पड़े फोटो : PTI 
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
हाईवे पर सैकड़ों गांव और शहर हैं. बैन का मतलब ये है कि बुधवार और रविवार को घाटी राज्य के दूसरे इलाकों से पूरी तरह कट जाएगी. इमरजेंसी में सफर करने वालों के लिए परमिशन का इंतजाम किया गया है लेकिन इसके लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सैन्य बलों के लिए सेफ पैसेज जरूरी है लेकिन इसके लिए जो विकल्प चुना गया है वो कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है. ऐसा माहौल क्यों न बनाए जाए जब ये हाईवे सेना और आम जन दोनों के लिए सेफ हो?

कश्मीरी हमारे कहने वाली सरकार कश्मीरियों को और दूर कर रही है

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांग्रेस के उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कांफ्रेंस ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया और सड़कों पर उतर पड़े हैं. उमर अब्दुल्ला ने इसे सरकार की औपनिवेशिक मानसिकता करार दिया तो पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने इसे बेहद अमानवीय कहा. आईएएस से सियासत में आए शाह फैजल ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती भी दी है. घाटी के इस इलाके में रहने वाले कश्मीरियों में भी इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया है. उनका कहना है कि सरकार ऐसे कदमों से कश्मीरियों का गला घोंट रही है. वो सवाल कर रहे हैं कि सरकार कहती हैं कश्मीर भी हमारा है और कश्मीरी भी हमारे. लेकिन ऐसे कदमों से वह कश्मीरियों को खुद से और दूर कर रही है. ये सरकार का ढकोसला नहीं तो क्या है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 08 Apr 2019,06:39 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT