Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जजों की नियुक्ति को लेकर मीडिया की 'अटकलबाजी' पर CJI रमना ने जताई नाराजगी

जजों की नियुक्ति को लेकर मीडिया की 'अटकलबाजी' पर CJI रमना ने जताई नाराजगी

कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि SC के कॉलेजियम ने सरकार को भेजे जाने वाले नौ नामों को मंजूरी दे दी है

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>CJI NV Ramana </p></div>
i

CJI NV Ramana

(फोटो: कामरान अख्तर/क्विंट)

advertisement

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (NV Ramana) ने 18 अगस्त को उन मीडिया रिपोर्ट्स की कड़ी आलोचना की, जिसमें दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए नौ जजों की सिफारिशों की एक सूची को अंतिम रूप दिया है.

18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस नवीन सिन्हा के संदर्भ में बोलते हुए, सीजेआई ने कहा कि "मीडिया के कुछ वर्गों में, जबकि प्रक्रिया अभी लंबित है, प्रस्ताव को औपचारिक रूप देने से पहले ही अटकलबाजी करना प्रतिकूल है".

क्यों आई है सीजेआई की यह टिप्पणी ?

कुछ समाचार पत्रों और लीगल न्यूज पोर्टलों की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने सरकार को भेजे जाने वाले नौ नामों को मंजूरी दे दी थी, जिसमें तीन महिला न्यायाधीश भी शामिल थीं, जिनमें से एक, जस्टिस बीवी नागरत्ना (वर्तमान में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश) के पास मौका था कि वो 2027 में भारत की पहली महिला CJI बन सकती थीं.

रिपोर्ट से यह बात भी सामने आ रही थी कि लिस्ट में त्रिपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अकील कुरैशी को शामिल नहीं किया गया था, जबकि वो हाई कोर्ट के जजों के बीच अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में दूसरे स्थान पर हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कहा जा रहा था कि 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने शीर्ष अदालत के जजों के लिए किसी भी सिफारिश को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था, अगर उसमे जस्टिस कुरैशी का नाम शामिल नहीं किया गया.

सीजेआई रमना की आपत्ति

सीजेआई रमना ने रिपोर्ट्स की "अटकलबाजियों" पर आपत्ति जताते हुए कहा,

"ऐसी गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग और अटकलों के कारण कई टैलेंटेड जजों के करियर में आगे नहीं बढ़ पाने के उदाहरण है यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं इससे बेहद परेशान हूं."

"आप सभी जानते हैं कि हमें इस अदालत में न्यायाधीशों को नियुक्त करने की आवश्यकता है...प्रक्रिया चल रही है. बैठकें होंगी और निर्णय लिए जाएंगे. जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इससे कुछ गरिमा जुड़ी हुई है. मेरे मीडिया मित्रों को इस प्रक्रिया की पवित्रता को समझना और पहचानना चाहिए."

साथ ही CJI ने उन पत्रकारों की भी सराहना की जिन्होंने लीक हुई जानकारी को रिपोर्ट नहीं किया था.

"मुझे वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया संस्थाओं द्वारा संयम दिखाने और इस तरह के गंभीर मामले पर अटकलें न लगाने के लिए जिम्मेदारी को भी रिकॉर्ड में रखना चाहिए. ऐसे पेशेवर पत्रकार और नैतिक मीडिया विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और सामान्य रूप से लोकतंत्र की असली ताकत हैं .आप हमारे सिस्टम के अंग हैं. मैं सभी स्टेक होल्डर्स से इस संस्था की अखंडता और गरिमा को बनाए रखने की अपेक्षा करता हूं."
CJI एन.वी रमना

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 18 Aug 2021,04:23 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT