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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने जामिया में हुई हिंसा और फिर पुलिस की कार्रवाई पर कहा है कि- सिर्फ इसलिए कि ये छात्र हैं इसका मतलब ये नहीं है कि वो कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले लेंगे. आपको बता दें जामिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगी.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने जामिया मामले पर कहा- हम अधिकारों का निर्धारण करेंगे लेकिन दंगे की हालातों में ये नहीं हो सकता. पहले ये सब शांत हो जाए इस के बाद हम पूरे मामले का संज्ञान लेंगे. हम अधिकारों और शातिंपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट के ही सीनियर वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि ‘एक रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट के जज को इस मामले की सुनवाई करना चाहिए.’ जब एडवोकेट ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से कहा वीडियो देख लीजिए तो CJI ने कहा कि- हमें वीडियो नहीं देखना है. अगर हिंसा और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना जारी रहता है तो हम इसकी सुनवाई नहीं करेंगे.
दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में बवाल के बाद अब लखनऊ में पुलिस और छात्रों के बीच झड़प शुरू हो चुकी है. लखनऊ के नदवा में छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया. जिसके बाद पुलिस मामले को शांत कराने की कोशिश में जुटी है. पुलिस ने भी बाहर से पत्थरबाजी की है.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र सड़कों पर उतरे. ये प्रदर्शन हिंसक हो गया जिसमें में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की. पुलिस कार्रवाई के बाद देर शाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भी छात्रों और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर झड़प हुई. इस दौरान हुए पथराव और पुलिस लाठीचार्ज में कम से कम 60 छात्र घायल हो गए. जिसके बाद एएमयू कैंपस में तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है.
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