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दिल्ली (Delhi) के आबकारी नीति मामले में अब CBI मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से पूछताछ करेगी. PTI के अनुसार, CBI ने सीएम केजरीवाल को 16 अप्रैल (रविवार) को सुबह 11 बजे तलब किया है.
इससे पहले शुक्रवार को डॉ बीआर अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि AAP के सभी नेताओं को जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
इस बीच, AAP ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद केंद्र सरकार दबाव बना रही है. AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश रची गई है.
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, "जिस दिन अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा था कि पीएम के दोस्त का काला धन पीएम का काला धन है, मैंने उनसे कहा कि अगला नंबर आपका है. वे (बीजेपी) प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए सब कुछ करेंगे."
पिछले साल जुलाई में, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी कि नई आबकारी नीति ने निजी शराब विक्रेताओं को "अनुचित लाभ" दिया गया है. इसके बाद में अगस्त में, CBI ने दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में 20 से अधिक स्थानों पर छापे मारे. जिन ठिकानों पर छापेमारी की गई उनमें मनीष सिसोदिया का घर भी शामिल है.
जांच एजेंसियों ने द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति ने कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. इस आरोप का AAP ने जोरदार खंडन किया था. हालांकि, बाद में नीति को रद्द कर दिया गया था.
आरोप यह लगाया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं हैं.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने 17 अगस्त, 2022 को FIR दर्ज करने के बाद कहा था, "यह भी आरोप लगाया गया था कि इन कृत्यों की गिनती पर अवैध लाभ निजी पार्टियों द्वारा संबंधित लोक सेवकों को उनके खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां करके दिया गया था."
केजरीवाल समेत AAP नेताओं ने अब रद्द की जा चुकी शराब नीति में किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है और एजेंसियों पर केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है.
सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था.
सिसोदिया फिलहाल इस मामले में 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं. सिसोदिया को IPC धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 477 ए (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया गया था.
सीबीआई के अलावा, ED ने आबकारी नीति मामले के संबंध में अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार से पूछताछ की है. बिभव, सिसोदिया और अन्य पर आबकारी नीति मामले में हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त करने के लिए 170 फोन का उपयोग करने, नष्ट करने और बदलने का आरोप है.
ईडी ने मामले में आप नेता जैस्मीन शाह से भी पूछताछ की है. बिभव की तरह, जैस्मीन शाह से भी उन बैठकों के बारे में पूछा गया जो दिल्ली की नई आबकारी नीति के निर्माण से जुड़ी हैं, जिसे अब खत्म कर दिया गया है.
जैस्मीन शाह दिल्ली के संवाद और विकास आयोग की उपाध्यक्ष हैं. वह निजी डिस्कॉम के बोर्ड से लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना द्वारा हटाए गए चार लोगों में से एक थीं.
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