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देश में इस साल मई से अगस्त के बीच 25 लाख से ज्यादा लोग नौकरी में आए हैं. CMIE के सर्वे के मुताबिक, इस साल मई से अगस्त के बीच करीब 40 करोड़ 49 लाख लोगों के पास नौकरियां थी. जबकि पिछले साल इसी दौरान 40 करोड़ 24 लाख लोगों के पास नौकरी थी. ये नौकरियां तो बढ़ी हैं लेकिन ज्यादातर कृषि क्षेत्र में ही ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सका है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, CMIE के CEO महेश व्यास का कहना है
साल 2019 के मई से अगस्त के बीच कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे हुआ जिससे लगातार हो रहे रोजगार में बढ़ोतरी को रिकॉर्ड किया गया. महेश व्यास कहते हैं ‘‘ये एक अच्छी खबर जरूर है लेकिन सर्वे में पाया गया कि रोजगार में उछाल उस क्षेत्र में पाया गया है जहां कमी पाई जानी चाहिए थी.’’
कृषि क्षेत्र में रोजगार में हो रही बढ़ोतरी के बारे में व्यास ने कहा, ‘‘कृषि के क्षेत्र में 84 लाख नौकरियां बढ़ीं, जिससे मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में गिरावट देखने को मिली है, आईटी और फाइनेंशियल क्षेत्र में गिरावट और कृषि में रोजगार का बढ़ना नौकरियों के लिए कोई अच्छे संकेत नहीं है. ये अपने आप में भी चौंकाने वाली खबर है क्योंकि इस साल मॉनसून देरी से आया और खरीफ फसल की बुआई में भी 1.7 फीसदी की कमी देखी गई जो कि साल 2018 के अगस्त के मुकाबले कम था.’’
महेश व्यास ने कहा, ''कृषि में रोजगार का ऐसे वक्त में बढ़ना जब कृषि से जुड़े कामों में कमी आ रही है. इसके लिए एक सफाई ये दी जा रही है कि जिन लोगों को शहरों में काम नहीं मिल रहा है वो सभी अपने खेतों में वापस जा रहे हैं और उन लोगों ने कृषि में मिले रोजगार का ही दावा किया.''
सर्वे के मुताबिक ,साल 2019 में मई से अगस्त के बीच मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में 9 लाख नौकरियों की कमी आई है. वहीं टेक्सटाइल इंडस्ट्री में 22 लाख लोगों की नौकरियां के जाने का अनुमान है और नॉन मेटालिक सेक्टर जिसमें सीमेंट, ईंटे, टाइल्स और ग्लास शेड जैसी चीजें आती हैं इस क्षेत्र में करीब 4 लाख नौकरियां गईं.
महेश व्यास कहते हैं कि 2019 में मई से अगस्त के बीच 29.6 करोड़ लो स्किल्ड लेबर देखे गए. जबकि एक साल पहले ये आंकड़ा 28.9 करोड़ का था. बीते एक साल के दौरान ऐसी नौकरियां जहां लो स्किल्ड लेबरों की जरूरत होती है वहां 70 लाख की बढ़ोतरी देखी गई और इस साल मई से अगस्त के बीच 25 लाख जॉब्स की बढ़ोतरी देखी गई.
(इनपुट: टाइम्स ऑफ इंडिया)
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