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कोचिंग में 16 साल से कम स्टूडेंट्स का एडमिशन नहीं, सरकार की नई गाइडलाइन में क्या-क्या?

Guidelines for Coaching Centres: अब स्टूडेंट्स अपने सेकेंडरी स्कूल एग्जाम (12वीं) पास करने के बाद ही कोचिंग में एनरोल कर सकेंगे.

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<div class="paragraphs"><p>सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए जारी किए गाइडलाइन, फीस, मेंटल हेल्थ से लेकर और क्या समझें</p></div>
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सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए जारी किए गाइडलाइन, फीस, मेंटल हेल्थ से लेकर और क्या समझें

(फोटो- i stock)

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Guidelines for Coaching Centres: छात्रों के बढ़ते आत्महत्या के (Student Suicide) मामलों, आग की घटनाओं, कोचिंग सेंटर में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा पढ़ाई के तौर-तरीकों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद, शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटर के लिये नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इस निर्देश में कोचिंग सेंटर को कहा गया है कि वे 16 साल से कम उम्र के छात्र का नामांकन नहीं कर सकते हैं. कोचिंग सेंटर अब भ्रामक वादे नहीं कर सकते और रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते.

यह दिशानिर्देश कोचिंग संस्थानों के मनमाने रवैये पर लगाम कसने के लिए तैयार किए गए हैं. अब स्टूडेंट्स अपने सेकेंडरी स्कूल एग्जाम (12वीं) पास करने के बाद ही कोचिंग में एनरोल कर सकेंगे.

कोचिंग सेंटर के लिए क्या हैं दिशानिर्देश?

  • कोई भी कोचिंग सेंटर ग्रेजुएशन से कम योग्यता वाले ट्यूटर्स को नियुक्त नहीं करेगा.

  • कोचिंग सेंटरों में छात्रों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते.

  • 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते. किसी स्टूडेंट का नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा यानी क्लास 10 के बाद ही होना चाहिए.

  • कोचिंग संस्थान कोचिंग की गुणवत्ता या उसमें दी जाने वाली सुविधाओं का भ्रामक विज्ञापन नहीं कर सकते. अगर कोई स्टूडेंट भी किसी कोचिंग सेंटर से पढ़ा है वह भी इन कोचिंग सेंटर के किसी भी दावे का विज्ञापन या प्रचार नहीं करेगा.

  • कोचिंग सेंटर किसी भी ट्यूटर या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो किसी गलत काम से जुड़े या किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो.

  • कोचिंग सेंटरों के पास ट्यूटर्स की योग्यता, पाठ्यक्रम, पूरा होने की अवधि, हॉस्टल सुविधाओं और ली जाने वाली फीस के विवरण के लिए एक वेबसाइट होगी.

  • इसमें छात्रों के मेंटल हेल्थ को भी ध्यान में रखा गया है. कोचिंग सेंटरों को छात्रों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना है और उन पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना है.

  • कोचिंग सेंटर की उचित फीस होगी और ली गई फीस की रसीद उपलब्ध कराई जानी चाहिए. यदि छात्र ने पाठ्यक्रम के लिए पूरा पैसा जमा कर दिया है और बीच में कोचिंग को छोड़ रहा है, तो छात्र को शेष अवधि की फीस 10 दिनों के भीतर वापस कर दी जाएगी.

कुल मिलाकर, दिशानिर्देशों का उद्देश्य एक ऐसा माहौल बनाना है जो कोचिंग सेंटरों में भाग लेने वाले छात्रों की भलाई और उचित शिक्षा सुनिश्चित करता है.

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किसी कोचिंग का पंजीकरण कब रद्द होगा?

किसी कोचिंग सेंटर को दिया गया पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी भी समय रद्द किया जा सकता है, यदि वह केंद्र ने दिशानिर्देशों के किसी भी प्रावधान या पंजीकरण के नियमों और शर्तों का उल्लंघन करता है. हालांकि, कोचिंग सेंटर को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा.

नीति को सशक्त बनाते हुए, केंद्र ने सुझाव दिया है कि कोचिंग सेंटरों को 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए या अत्यधिक शुल्क वसूलने के लिए उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए.

सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप कदम उठाए हैं. जिसमें कॉमन यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा (CUET) को लागू करना, 13 क्षेत्रीय भाषाओं में प्रवेश परीक्षा आयोजित करना, उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में सीटों की संख्या का विस्तार करना उच्च गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षा संस्थान खोलना शामिल है.

NEET (यूजी) और JEE (मुख्य) प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों की सहायता के लिए, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 'नेशनल टेस्ट प्रैक्टस' मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जो उम्मीदवारों को मुफ्त में मॉक टेस्ट उपलब्ध करायेगी.

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