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योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादित पोस्ट करने वाले पत्रकार प्रशांत कनौजिया एक बार फिर अपने विवादित पोस्ट के कारण फंस गए हैं. प्रशांत कनौजिया ने हाल ही में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और ब्रिटिश जनरल रेजीनॉल्ड डायर की तुलना करते हुए एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट के वायरल होने के बाद कनौजिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक एडवोकेट ने तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है.
प्रशांत कनौजिया ने शनिवार 10 अगस्त को आर्मी चीफ के खिलाफ ये विवादास्पद ट्वीट किया था, जिसके बाद उसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थीं.
वहीं रविवार 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में प्रशांत के खिलाफ शिकायत दी, जिसमें देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की.
क्विंट हिंदी से बात करते हुए शिकायतकर्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे देश की सेना दुनिया की महान सेनाओं में से एक है और उसके अध्यक्ष की तुलना भारत के सबसे बड़े दुश्मनों से की गई.
श्रीवास्तव ने साथ ही कहा कि इस तरह का ट्वीट का इस्तेमाल पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ कर सकता है.
इस विवादित ट्वीट की सोशल मीडिया पर भी काफी आलोचना हो रही है. प्रशांत कनौजिया ने शनिवार, 10 अगस्त को ट्वीट किया था, जिसमें जनरल बिपिन रावत की फोटो पर कश्मीर और जनरल डायर की फोटो के ऊपर जलियांवाला लिखा था.
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रशांत कनौजिया के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए.
हालांकि लगातार हो रही आलोचना के बाद प्रशांत कनौजिया ने रविवार 11 अगस्त को अपनी विवादित पोस्ट हटा दी और फिर ट्वीट कर माफी मांगी.
प्रशांत ने ट्वीट कर लिखा,
इससे पहले जून में प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पोस्ट करने पर गिरफ्तार किया गया था.
प्रशांत कनौजिया ने हेमा नाम की एक महिला का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया. वीडियो को शेयर करते हुए प्रशांत ने एक कमेंट भी लिखा था. वीडियो में महिला (हेमा) पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगी आदित्यनाथ से प्यार संबंधी दावे कर रही थी. महिला ने दावा किया था कि वो पिछले एक साल से योगी आदित्यनाथ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क में है. महिला का कहना था कि वो पूरे प्रकरण के चलते तनाव में है और योगी आदित्यनाथ को सामने आकर उससे बातचीत करनी चाहिए.
प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों और सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उत्तर प्रदेश सरकार की काफी आलोचना की थी. सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद कोर्ट ने कनौजिया की रिहाई का आदेश दिया था.
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