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राफेल डील: सरकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस

कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने राफेल का एग्रीमेंट मनमाने तरीके से बदल दिया. 

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भारत
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कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने राफेल का एग्रीमेंट मनमाने तरीके से बदल दिया. 
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कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने राफेल का एग्रीमेंट मनमाने तरीके से बदल दिया. 
(फोटोः Altered By Quint Hindi)

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कांग्रेस ने राफेल मुद्दे में मोदी सरकार को घेरने के लिए नया हमला बोला है. सोमवार को ए के एंटनी मैदान में उतरे. एंटनी का आना इसलिए अहम है क्योंकि वो 2008 में यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री थे. तभी भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील की शर्तों पर दस्तखत हुए थे.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव दौरान दावा किया था कि यूपीए सरकार ने विमान की कीमत गोपनीय रखने की शर्त रखी थी. लेकिन एंटनी ने कहा कि विमान के दाम का खुलासा ना करने की कोई शर्त नहीं रखी गई थी.

कांग्रेस का आरोप है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में झूठ बोला है और देश को गुमराह कर रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि गोपनीयता की आड़ में राफेल विमान की कीमत नहीं बता रहे हैं. कांग्रेस पार्टी पीएम और रक्षा मंत्री दोनों के खिलाफ पार्टी लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी.

कांग्रेस ने पीएम और रक्षा मंत्री के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि 2008 में इस फाइटर प्लेन से संबंधित भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौते में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था जिस वजह से डील की कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता. डेसाल्ट एविएशन ने साफ तौर पर बाकायदा अपनी वेबसाइट में बताया है कि भारत को 1670 करोड़ रुपए विमान के हिसाब से सौदा किया गया है जबकि यूपीए सरकार के दौरान 126 विमानों का सौदा प्रति विमान 526 करोड़ रुपए थी.

कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अपने उद्योगपति मित्र को ऑफसेट सप्लाई का 35 हजार करोड़ का ठेका दिलवा दिया. पार्टी ने सरकार से पूछा है कि मनमाने तरीके से एक निजी कंपनी को साझेदार क्यों बनाया. कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ए के एंटनी भी मौजूद थे उन्होंने दलील दी कि फ्रांस की सरकार ने कभी भी कीमत बताने से इनकार नहीं किया. एंटनी के मुताबिक समझौते में कहीं भी ये नहीं लिखा कि विमान की कीमत ना बताई जाए. फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी और आनंद शर्मा से मुलाकात के दौरान कहा था कि उन्हें कीमत बताने से कोई एतराज नहीं है.

कांग्रेस की राफेल डील की शर्तें

कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी के मुताबिक, यूपीए के वक्त 126 एयरफ्रॉफ्ट का सौदा पर करार हुआ था. उन्होंने बताया कि उस समय की शर्तें थी-

  • सबसे बड़ी शर्त थी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होगा
  • 18 विमान फ्रांस में बनेंगे बाकी 108 विमान भारत में बनेगे
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनाएगी
  • ऑफसेट 30 परसेंट होगा, यानी 30 परसेंट ठेका भारत को मिलेगा
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मोदी सरकार पर मनमाने तरीके से एग्रीमेंट बदलने का आरोप


कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने राफेल का एग्रीमेंट मनमाने तरीके से बदल दिया. कांग्रेस नेता एंटनी ने कहा कि मोदी सरकार ने राफेल सौदे में मनमाने बदलाव किए है. उन्होंने आरोप लगाया-

  • अहम शर्तें हटा दी गईं
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हटा दिया
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बजाए निजी कंपनी को साझेदार बनाया गया
  • नया कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से उन्हें विमान और सस्ते दाम पर देना चाहिए था
  • सारे विमान फ्रांस से आने थे तो कीमत और कम होनी थी बढ़ी क्यों
  • एचएएल को अनुभव है फाइटर प्लेन बनाने की, मौजूदा पार्टनर को नहीं
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, एचएएल को दूर करने से कीमतों में कमी आनी थी पर उल्टे कीमतें तीन गुना बढ़ा दी गईं
  • ऑफसेट 30 परसेंट होना था पर इस कॉन्ट्रैक्ट में 50 परसेंट क्यों किया गया
  • पीपीपी में शर्त होती है कि ऑफसेट पार्टनर अनुभवी होना चाहिए, इस मामले में चुने गए पार्टनर के पास फाइटर तो छोडिए किसी भी तरह का एयरक्रॉफ्ट बनाने का अनुभव नहीं है
  • सरकार ने फ्रेंच कंपनी को ऐसा पार्टनर सिलेक्ट क्यों करने दिया जिसे फाइटर एयरक्रॉफ्ट बनाने का अनुभव नहीं है
  • ऑफसेट पार्टनर को इतना बड़ा कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया सरकार बताए

कांग्रेस ने उठाए सवाल


कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने एंटनी का साथ देते हुए कहा है कि वो इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेंगे. उन्होंने राफेल डील के मुद्दे पर मोदी सरकार पर कई सवाल उठाए है. शर्मा ने कहा-

  • पहले 108 विमान एचएएल को बनाने थे
  • पीएम ने मनमाने तरीके से सीसीएस की मंजूरी के बगैर 36 रेडी टू फ्लाई विमान बनाने का सौदा क्यों किया
  • प्रधानमंत्री ये भी जवाब दें कि पुराने एग्रीमेंट को रद्द किए बगैर पीएम ने तीन गुना ज्यादा दाम में विमान खरीदने का सौदा क्यों किया
  • पीएम सदन में आएं और खंडन करें या पुष्टि करें कि एचएएल के बजाए किसी प्राइवेट कंपनी को ऑफसेट पार्टनर बनने का मौका क्यों दिया गया
  • पीएम और रक्षा मंत्री दोनों बैचेन हो गए थे राहुल गांधी के आरोपों पर
  • पीएम और रक्षा मंत्री को संवैधानिक जरूरत और फ्रेंच कानून नहीं मालूम
  • फ्रांस को कीमत बताने से कभी ऐतराज नहीं था, फ्रेंच कानून के मुताबिक ये जरूरी है, भारत में भी यही संवैधानिक नियम है
  • मंत्री और पीएम दोनों को इसकी जानकारी नहीं है. दुख की बात है कि दोनों भारत के संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं
  • फ्रेंच कंपनी ने पूरे सौदे के बारे में पूरी जानकारी दी है
  • इजिप्त और कतर को 24 विमान बेचे गए 1300 करोड़ रुपए के हिसाब से, इस हिसाब से भी भारत का विमान महंगा है
  • अयोग्य कंपनी को पीपीपी के तहत चुना गया, इसका जवाब चाहिए क्योंकि ये सरकारी पैसा है

कांग्रेस ने बताया सबसे बड़ा घोटाला

  • पीएम और रक्षा मंत्री दोनों ने रक्षा उपकरण खरीद का उल्लंघन किया है.
  • दोनों दोषी हैं दोनों ने संसद में झूठ बोला है. सरकार ने दो बार झूठ बोला है.
  • सरकार ने झूठ बोला है, लोकसभा में सदस्यों के विशेषाधिकार का उल्लंघन हुआ है.

बता दें कि राफेल विमान सौदा 60 हजार करोड़ रुपए का है जिसमें 50 परसेंट ऑफसेट क्लॉज है यानी डेसाल्ट के साथ पार्टनर भारतीय कंपनी रिलायंस डिफेंस है. इसके चेयरमैन अनिल अंबानी हैं.

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Published: 23 Jul 2018,02:21 PM IST

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