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MP चुनाव में सीट बंटवारे के बाद कांग्रेस और SP की राहें क्यों दिख रही अलग?

INDIA गठबंधन की मुख्य पार्टियां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>अखिलेश यादव और राहुल गांधी</p></div>
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अखिलेश यादव और राहुल गांधी

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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भले ही इंडिया गठबंधन (India AlIiance) के माध्यम से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लोक सभा चुनाव एक साथ लड़ने की बात कर रहे हो, लेकिन वहीं मध्यप्रदेश चुनाव (Madhya Pardesh Election) में सीट बंटवारे होने के बाद दोनों की राह अलग दिखती हैं. चाहे वो फिर आजम खां से जेल में मिलने की बात हो या फिर रवि भूषण के निधन में श्रद्धांजलि देने की बात हो, कांग्रेस समाजवादी पार्टी में आगे रहना चाहती है. जो उनके बीच की तकरार पूर्ण प्रतिस्पर्धा को दिखाता है.

SP-कांग्रेस आमने सामने

राजनीतिक जानकार के अनुसार इंडिया गठबंधन की मुख्य पार्टियां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है. मध्य प्रदेश चुनाव में सीट बंटवारे होने के बाद से और बात न बनने की वजह से अब यह लड़ाई जुबानी जंग में बदल गई. भले ही अखिलेश यादव की तरफ से बड़े नेता का हवाला देकर इस मुद्दे पर मिट्टी डालने का कोशिश किया जा रहा हो, पर कांग्रेस अपने आक्रामक तेवर जारी रख रही है. बल्कि इस का बोझ खुद अजय राय ने उठा रखा है.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक आमोद कांत का मानना है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच अभी भी कुछ ठीक नहीं है. अखिलेश और अजय राय के बीच चल रहे फ्रेंडली फाइट में कांग्रेस के शीर्ष नेता बिल्कुल चुप्पी साध ली है. मध्य प्रदेश में सीट बंटवारे होने के बाद से ही दोनों दलों में चल रही दरार पर नजर डालें तो यही प्रतीत होता है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के परिवार सहित जेल जाने पर अजय राय खुद उनसे मुलाकात करने के लिए सीतापुर जेल पहुंचे थे.

लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी. जिस पर उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच तल्ख टिप्पणियों करने के बाद पोस्टर वार भी हुआ.

अखिलेश यादव को देश का भावी पीएम बताने के पोस्टर कार्यालय के बाहर लगाने के बाद से राहुल गांधी का भी पोस्टर कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगाया गया. वहीं, राहुल गांधी को 2024 में पीएम बनाने और 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को मुख्यमंत्री बनाने के पोस्टर लगाए गए.

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अखिलेश क्यों निकाल रहे साइकिल यात्रा?

उन्होंने आगे कहा कि दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को साधने के लिए अखिलेश यादव साइकिल यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता है कि इस यात्रा का कोई भी असर जनता पर पड़ेगा और जनता सब देख रही है. राजनीतिक दल अपने तरीके से काम करते हैं लेकिन जो दल सत्ता में है तो उन्हें जनता के लिए काम करना चाहिए था.

जब आप आगे इस तरह का यात्रा निकालते है तो इसका मतलब यह है कि आप लोगों को अपने साथ नहीं कर पाए.
आमोद कांत, राजनीतिक विश्लेषक

आमोद कांत कहते हैं कि इसके बाद समाजवादी पार्टी की पीडीए साइकिल यात्रा में शामिल समाजवादी पार्टी नेता रवि भूषण राजन के निधन के बाद यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय उनके परिजनों से मिलने उनके आवास पहुंचे.

उसके बाद जब अखिलेश यादव श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, तब तक अजय राय का श्रद्धांजलि संदेश खूब वायरल हो गया था. इन दोनों पार्टी की आपसी मनमुटाव का असर निश्चित रूप से गठबंधन पर पड़ेगा. वहीं पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के बाद जब इंडिया गठबंधन की बैठक होगी तो यह मुद्दा उठाया जा सकता है.

कांग्रेस गठबंधन धर्म का पालन करेगी

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पहले ही सीट देने वाले बयान से कांग्रेस पर दबाव बनाने का कोशिश किया है. फिर हमारे संगठन के मुखिया को छोटे नेता कहना कहां तक सही है. इसलिए कांग्रेस गठबंधन धर्म का पालन करेगी. लेकिन सहयोगी दलों को भी इसका पालन करना पड़ेगा.

राष्ट्रीय दल कांग्रेस हो या फिर या फिर बीजेपी इन्हें लगता है की क्षेत्रीय फाड़ है. एक तरफ अजय राय है जो उनके कहने पर SP के विरुद्ध बयानबाजी करते रहते है. यह कांग्रेस के बड़े नेताओं का आपसी विवाद है और कांग्रेस को इस से सब से निपटना चाहिए.
फखरुल हसन चांद, प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी

उन्होंने आगे कहा, "SP अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगी. 2004 में हमने नेता जी के नेतृत्व में अकेले चुनाव लड़ा और 39 सीट पर जीत हासिल की और हमारा संगठन यूपी में बहुत मजबूत है. हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में 35 फीसद से ज्यादा वोट शेयर हमें मिला है. अगर किसी भी राष्ट्रीय दल को गलतफहमी है जो कि यूपी में कई छोटे दल से वोट प्रतिशत में काफी छोटा है , तो उसे यह मालूम होना चाहिए की SP अकेले BJP को रोकने में सक्षम है."

(इनपुट-IANS)

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