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‘मंदसौर गोलीकांड’ को लेकर सरकार पर विपक्ष के आरोपों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों का समर्थन किया है. उन्होंने मंदसौर गोलीकांड को शर्मनाक ठहराते हुए कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को न्याय मिले और गोलीकांड के दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही हो.
इससे पहले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने सोमवार को विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा था कि मंदसौर में किसानों पर गोली कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए आत्मरक्षा में चलाई गई थी. बयान पर बवाल मचने के बाद बाला बच्चन ने यूटर्न ले लिया. उन्होंने कहा है कि मंदसौर पुलिस फायरिंग कांड में किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है. इसके बावजूद भी विपक्ष कमलनाथ सरकार पर हमलावर हो गया है.
विधानसभा में दिए गए बयान पर बवाल मचने के बाद गृह मंत्री बाला बच्चन ने सफाई दी है. उन्होंने कहा-
सोमवार को विधानसभा में लिखित सवाल के जवाब में गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि मंदसौर में किसानों पर गोली कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए आत्मरक्षा में चलाई गई थी. विधायक हर्ष विजय गहलोत के सवाल के जवाब में बच्चन ने कहा कि मंदसौर के पिपलिया मंडी थाना क्षेत्र में 6 जून 2017 को हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आत्मरक्षा और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए गोली चलाई गई थी. मामले की जांच कर रहे आयोग की रिपोर्ट पर सरकार परीक्षण कर रही है और इसके बाद कार्रवाई की जाएगी.
बाला बच्चन ने कहा कि सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए तत्कालीन एसडीएम मल्हारगढ़ श्रवण भंडारी ने कानूनी प्रक्रिया का पालन कर गोली चलाने का आदेश दिया था.
मंदसौर गोलीकांड के वक्त कांग्रेस विपक्ष में थी. गोलीकांड की पहली बरसी पर मंदसौर में हुई सभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, 'प्रदेश की सरकार ने किसानों पर आक्रमण किया, गोली चलाई, किसानों को मारा.' बता दें, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान भी कांग्रेस ने मंदसौर गोली कांड को मुद्दा बनाकर किसानों से समर्थन मांगा था.
कमलनाथ सरकार पर विपक्षी हमले बढ़ने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सामने आए हैं.
सिंधिया ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘मंदसौर गोलीकांड में हमारे किसानों के साथ जो अन्याय हुआ, वो शर्मनाक था. हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे किसान भाइयों को न्याय मिले और गोलीकांड के दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो. मैंने तब भी अपने अन्नदाताओं के साथ उनकी लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ी थी. आज भी मैं उनके साथ खड़ा हूं.’
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